महाकुंभ में डुबकी पर बयान देकर फंसे मल्लिकार्जुन खड़गे, असम के CM बोले- क्या वह ये कहने की हिम्मत करेंगे…

असम:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे महाकुंभ (Mallikarjun Kharge Over Mahakumbh) में डुबकी लगा रहे श्रद्धालुओं पर दिए एक बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं. खरगे ने कहा था, “क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होगी.” असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “महाकुंभ पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ गहरी चिंताजनक मानसिकता को दर्शाता है.
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असम के सीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक रुख है. लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं, 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ के दौरान स्नान किया था, क्या वह यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज पर जाने से भूख और गरीबी जैसी समस्याएं हल नहीं होंगी?”
“सत्ता के लिए सांस्कृतिक विरासत से न करें समझौता”
असम के सीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेताओं के लिए यह समय है कि वे आत्मचिंतन करें और अपना रुख तय करें. केवल सत्ता और पद के लिए अपने विश्वास, अपने धर्म या इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से समझौता न करें. कोई भी नेता, कोई भी विचारधारा और कोई भी पार्टी आपके धर्म और मान्यताओं से ऊपर नहीं होनी चाहिए. राजनीतिक स्वार्थ के लिए इसके सार को कमतर न आंकें. अपनी अंतरात्मा की आवाज पर चलें.
माननीय खड़गे जी की भाषा उनकी सनातन विरोधी मानसिकता का प्रमाण है। मैं यह भी जानता हूं कि वाणी भले ही खड़गे जी की हो, लेकिन सोच राहुल गांधी की है। शायद वे यह भूल गए हैं कि 2001 में सोनिया गांधी जी ने भी कुंभ में डुबकी लगाई थी।
क्या ये लोग कभी यह कहने की हिम्मत कर पाएंगे कि हज… https://t.co/fFv8jEDixJ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 28, 2025
मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा था?
बता दें कि महू की रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है क्या? क्या आपको पेट में खाना मिलता है? मैं किसी की आस्था को कोई ठेस नहीं पहुंचाना चाहता. अगर किसी को दुख हुआ तो मैं माफ़ी चाहता हूं. लेकिन आप बताइए कि जब बच्चा भूखा मर रहा है, बच्चा स्कूल में नहीं जा रहा है, मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है. लेकिन, गंगा नदी में डुबकियां लगाई जा रही हैं. तब तक डुबकी लगाई जाती है जब तक टीवी पर अच्छा नहीं आ जाता, तब तक डुबकी मारते रहते हैं. ऐसे लोगों से देश की भलाई होने वाली नहीं है.”
खरगे ने कहा था कि हमारी आस्था भगवान में है. हर एक को आजादी है. आप रोज पूजा करिए. घर में हर आदमी और हर महिला पूजा करके बाहर निकलती है. हमें कोई एतराज नहीं है. हमें एतराज है गरीबों के शोषण का, जो धर्म के नाम पर हो रहा है, उसके खिलाफ हमें लड़ना है.
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