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दुनिया

मस्क ने निकाल दिया 'मंगल का मुहूर्त'! कब जाएगा स्टारशिप, इंसानी कदम कब पड़ेंगे, जानें सबकुछ

अंतरिक्ष में अमेरिका किस यकीन के साथ क्या कुछ कर गुजरने की तैयारी कर रहा है यह आज की दो घटनाएं बताती हैं. आज पहले एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) का रॉकेट फाल्कन 9 सुनीता विलियम्स की ‘घरवापसी’ के लिए निकला और कुछ घंटे बाद मस्क ने मंगल पर रोबॉटिक और इंसानी मिशन की तारीख तय कर दी. अंतरिक्ष में 9 महीने से फंसे अपने यात्रियों को वापस लाने के पेचीदा मिशन के बीच मस्क का ऐलान अमेरिका के जबरा आत्मविश्वास को दिखाता है. मतलब- यह तो होना ही है. बड़ा टारगेट यह है.     

मस्क ने शनिवार को ऐलान किया कि स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट 2026 के आखिर तक टेस्ला के मानव रोबॉट ऑप्टिमस के साथ मंगल के लिए रवाना होगा. मस्क के मुताबिक सब ठीक रहा तो मंगल पर इंसान के कदम 2029 के शुरुआत तक पड़ सकते हैं, हालांकि 2031 की संभावना अधिक है.  मस्क ने सोशल नेटवर्क एक्स एक्स  पर लिखा, ‘स्टारशिप अगले साल (2026) के आखिर में ऑप्टिमस को लेकर मंगल ग्रह के लिए रवाना होगा. यदि लैंडिंग सफल रही, तो मानव लैंडिंग 2029 की शुरुआत में शुरू हो सकती है. हालांकि 2031 की संभावना अधिक है.’ 

अगले साल इंसानी भावनाओं और दिमाग वाले रोबॉट को लेकर मंगल पर जाएगा स्टारशिप

क्या है टेस्ला का इंसानी रोबॉट ऑप्टिमस

टेस्ला के CEO मस्क ने पिछले साल एक प्रोग्राम में कंपनी के ऑप्टिमस रोबॉट दिखाए थे. बकौल मस्क ठुमक ठुमक कर चलने वाले ये रोबॉट एक दिन छोटे-मोटे काम कर पाएंगे. इनमें इंसानों जैसी भावनाएं भरी होंगी. मस्क ने रोबॉट्स को 20 हजार से 30  हजार डॉलर में बाजार में बेचने का प्लान भी बनाया है.  

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स्टारशिप क्या है?

स्पेसएक्स (SpaceX) के स्टारशिप (Starship) का आप फिल्मी भाषा में अभी तक के सभी रॉकेटों का बाप कह सकते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट होगा. यह मस्क के इंसानी मंगल मिशन का ड्रीम रॉकेट है. ऐसा रॉकेट जो मंगल पर इंसान को उतारेगा. 

स्टारशिप में क्या खास

स्टारशिप में क्या खास

स्टारशिप कितना विशाल होगा, इसकी कल्पना आप इससे कर सकते हैं कि यह अमेरिका के स्टैचू ऑफ लिबर्टी से भी 100 फीट लंबा होगा. इसकी कुल लंबाई  403 फीट यानी करीब  123 मीटर होगी. स्टैचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई करीब 305 फीट है. स्टारशिप रॉकेट को ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा. 

अमेरिकी की स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ऊंचा होगा स्टारशिप

अमेरिका की स्टैचू ऑफ लिबर्टी से ऊंचा होगा स्टारशिप

नासा भी चांद पर अपने आर्टेमिस मिशन के लिए स्टारशिप के मॉडिफाइड वर्जन का इंतजार कर रहा है. इसका मकसद इस दशक में अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा से वापस लाना होगा. स्पेसएक्स को इन मिशनों से पहले बहुत सारी चीजें साबित करनी होगीं. मसलन- उसका स्पेस रॉकेट कितना भरोसेमंद है. अंतरिक्ष यात्रियों के लिए वह कितना सुरक्षित है. और क्या वह सफर के दौरान फ्यूल (in-orbit refueling) भरने में सक्षम रहेगा. 

सबसे बड़ा रॉकेट होगा स्टारशिप

सबसे बड़ा रॉकेट होगा स्टारशिप

सफलता, असफलता और चुनौती

मस्क की कंपनी को मिशन मंगल के लिए अभी बड़ा सफर तय करना है. स्पेसएक्स को इस साल तब बड़ा झटका लगा था जब स्टारशिप प्रोटोटाइप की टेस्ट फ्लाइट एक धमाके के साथ खत्म हो गई थी. लिफ्टऑफ और बूस्टर अलग होने के कुछ मिनट बाद, रॉकेट के ऊपरी स्टेज एक धमाके के साथ आग के गोले में तब्दील हो गया था. स्टारशिप का यह आठवां मानवरहित ऑर्टिबल टेस्ट था.इन असफलताओं के बावजूद स्पेसएक्स ‘Fail fast, Learn fast’ के साथ मिशन मंगल की तैयारी पर जुटा है. 
 

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