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इजरायल के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं मुस्लिम देश? अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन में एक मंच पर ईरान और सऊदी

नई दिल्ली:

Arab-Islamic Summit: इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच शनिवार को सऊदी अरब की राजधानी में अरब नेताओं और ईरान के राष्ट्रपति की बैठक में गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल की कार्रवाई की निंदा की गई. बैठक में आशंका जतायी गयी कि यह युद्ध अन्य देशों में भी फैल सकता है. बैठक की शुरुआत करते हुए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ हो रहे अपराध के लिए इजरायली अधिकारियों को जिम्मेदार मानता है. उन्होंने गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में इजरायल की कार्रवाई के बारे में कहा, “हमें यकीन है कि क्षेत्र में सुरक्षा, शांति और स्थिरता की गारंटी देने का एकमात्र तरीका कब्जे, घेराबंदी को खत्म करना है.”

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मार्च में दोनों देशों के संबंधों में सुधार के बाद सऊदी अरब की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि इस्लामिक देशों को गाजा में इजरायली सेना की कार्रवाई को देखते हुए इजरायल को  “आतंकवादी संगठन” नामित कर देना चाहिए. 

अरब लीग और ओआईसी एक 57-सदस्यीय संगठन है

अरब लीग और ओआईसी एक 57-सदस्यीय संगठन है जिसमें ईरान भी शामिल है.इन देशों के नेता पहले अलग-अलग मिलने वाले थे. अरब राजनयिकों ने एएफपी को बताया कि अलग-अलग बैठकों के बजाय एक बैठक करने का फैसला अरब लीग के प्रतिनिधिमंडलों के अंतिम बयान पर सहमति तक पहुंचने में विफल रहने के बाद आया.

इजरायल की सेना गाजा में कर रही है जमीनी ऑपरेशन

गौरतलब है कि इजरायल की सेना इन दिनों हमास के खात्मे के लिए गाजा पट्टी में अपना जमीनी ऑपरेशन चला रही है. लेकिन इस ऑपरेशन की वजह से गाजा पट्टी के अस्पतालों की हालत बेहद खराब हो चुकी है. कई अस्पतालों में तो मरीजों को बचाने के लिए जरूरी दवाओं तक की कमी है.इज़रायल ने उन रिपोर्टों का सख्ती से खंडन किया है कि उन्होंने गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल पर गोलीबारी की, लेकिन कहा कि उनके सैनिक अल-शिफ़ा के पास हमास के गुर्गों से लड़ रहे हैं.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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