दुनिया

टूटने के बाद फिर उगेंगे नए दांत, जापान में मेडिसिन पर टेस्टिंग; जानें कितना कारगर होगा ये इलाज

यह दुनिया के लिए पूरी तरह से नई तकनीक है


टोक्यो:

जिन लोगों के दांत नहीं हैं, उनके नए दांत फिर आ सकते हैं. ऐसा दावा जापान के डॉक्टर्स ने किया है. जापानी डेंटिस्ट ऐसी मेडिसिन का परीक्षण कर रहे हैं, जिससे उन्हें उम्मीद है कि यह डेन्चर और इंप्लांट्स का विकल्प बनेगी. ओसाका के मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट किटानो हॉस्पिटल में ओरल सर्जरी के प्रमुख कात्सु ताकाहाशी की टीम ने अक्टूबर में क्योटो यूनिवर्सिटी अस्पताल में क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया, जिसमें एक दवा दी गई. जिसके बारे में उनका कहना है कि इसमें इन दांतों के विकास को गति देने की क्षमता है. ताकाहाशी ने एएफपी को बताया कि यह दुनिया के लिए पूरी तरह से नई तकनीक है.

रिसर्च में क्या कुछ पता चला

बीमारी या चोट के कारण खोए हुए दांतों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कृत्रिम उपचारों को अक्सर महंगा माना जाता है. इस इलाज के प्रमुख शोधकर्ता ताकाहाशी ने कहा, “प्राकृतिक दांतों के फिर से आने के निश्चित रूप से अपने फायदे हैं.” चूहों और फेरेट्स पर किए गए परीक्षण से इस बारे में पता चला है. शोधकर्ताओं ने जानवरों के दांतों के फिर से उगने की प्रयोगशाला तस्वीरें प्रकाशित की हैं. पिछले साल प्रकाशित एक रिसर्च में, टीम ने कहा कि चूहों में उनका एंटीबॉडी इलाज दांतों को उगाने के लिए प्रभावी है और मनुष्यों में दांतों के इलाज में एक सफलता हो सकती है.

गेम-चेंजर साबित होगा ये इलाज

ताकाहाशी ने कहा कि यह दवा उनके लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है और शोधकर्ता इसे 2030 तक उपलब्ध कराना चाहते हैं. लंदन के क्वीन मैरी विश्वविद्यालय में दंत चिकित्सा के प्रोफेसर एंग्रे कांग को सिर्फ़ एक अन्य टीम के बारे में पता है जो दांतों को फिर से उगाने या उनकी मरम्मत करने के लिए एंटीबॉडी का उपयोग करने पर काम कर रही है. इम्यूनोटेक्नोलॉजी विशेषज्ञ ने AFP को बताया, “मैं कहूंगा कि ताकाहाशी समूह इस मामले में सबसे आगे है.” कांग ने कहा कि ताकाहाशी का काम रोमांचक और प्रयास करने लायक है.”

यह भी पढ़ें :-  बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ‘घृणास्पद भाषणों’ के प्रसार पर प्रतिबंध

इलाज से उगने वाले दांत कितने कारगर

उन्होंने कहा, “मानव दांतों को फिर से उगाने की रेस कोई छोटी रेस नहीं है, बल्कि अल्ट्रा-मैराथन है.” हांगकांग विश्वविद्यालय में एंडोडोंटिक्स के क्लिनिकल प्रोफेसर चेंगफेई झांग ने कहा कि ताकाहाशी के तरीके में ज्यादा संभावनाएं हैं. झांग ने कहा कि ताकाहाशी का तरीका इनोवेटिव है और इसमें संभावनाएं हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जानवरों में देखे गए परिणाम हमेशा सीधे मनुष्यों में नहीं मिलते. झांग ने कहा कि जानवरों पर किए गए प्रयोगों के परिणाम “इस बारे में सवाल उठाते हैं कि क्या फिर से आए दांत खोए हुए दांतों की जगह ले सकते हैं.”



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button