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नई तरह की नौकरियां आएंगी… The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में अमिताभ कांत ने बताया AI कितना जरूरी


नई दिल्ली:

भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने The Hindkeshariवर्ल्ड समिट 2024 ‘द इंडिया सेंचुरी’ ( The HindkeshariWorld Summit 2024 ‘The India Century’) में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल बढ़ना बेहद जरूरी है. ये नई तरह के और नए स्केल पर नौकरियां लेकर आएगा. उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग बेहतर समाज और मानव विकास में सुधार के लिए किया जाना चाहिए.

अमिताभ कांत ने कहा, “एआई का नागरिकों के जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए. इसलिए, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार और बेहतर परिणाम के लिए एआई जरूरी है. पोषण में सुधार के लिए भी आपको इसकी जरूरत है. जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए एआई का उपयोग किया जाना चाहिए.”

उन्होंने कहा, “एआई का उपयोग केवल एलएलएम बनाने के लिए ही नहीं किया जाना चाहिए. ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम नागरिकों के जीवन को बदलने के लिए एआई की मदद लें.”

ये पूछे जाने पर कि क्या एआई मौजूदा समय की नौकरियों को प्रभावित करेगा, उन्होंने कहा कि एआई अनिश्चित है, लेकिन ये नई तरह की नौकरियां लाएगा और इसलिए हमें डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, आदि क्षेत्रों में कई और कुशल लोगों को तैयार करने की जरूरत है. हमारे कई आईआईटी आज ये कर रहे हैं.”

The Hindkeshariवर्ल्ड समिट के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद एआई एक बार-बार चर्चा हो रही है. पीएम ने सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था के हर एक क्षेत्र में एआई का उपयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है.

पीएम ने कहा, “दुनिया और हमारे पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तो है ही, लेकिन हमारा एक दूसरा एआई भी है. यानी एस्पिरेशनल इंडिया. जब ये दोनों मिलते हैं, तो ये भारत के विकास को गति देता है.”

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वहीं The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में शामिल हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर कहा कि ये अर्थव्यवस्था, राजनीति और भू-राजनीति के लिए काफी प्रमुख होने वाला है. एआई का दुरुपयोग भी होगा, इसीलिए हमें और अधिक सतर्क रहना होगा.

भारत के आर्थिक विकास और 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य पर अमिताभ कांत ने कहा कि देश में युवा आबादी का लाभ उठाकर और विनिर्माण में तेजी लाकर हम इसे हासिल कर सकते हैं.

उन्होंने The Hindkeshariसे कहा, “4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक बढ़ने का मतलब है कि आपकी जीडीपी को नौ गुना बढ़ाना होगा. आपकी प्रति व्यक्ति आय आठ गुना और विनिर्माण क्षेत्र को 16 गुना तक बढ़ाना होगा. ये चुनौती है और उससे पार पाना है. भारत को (वैश्विक) वैल्यू चेन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की जरूरत है.”



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