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चीन के कर्ज में फंसे कई देश

पाकिस्तान के चरम आर्थिक संकट के लिए कुछ हद तक इस सीपैक को दोषी ठहराया जाता है, जिसे विशेषज्ञ “चीनी ऋण जाल” कहते हैं. श्रीलंका भी चीन के कर्ज से प्रभावित था. भूराजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा है कि यह श्रीलंका में चीन की बेल्ट एंड रोड पहल थी, जिसके कारण जून 2022 में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी के कारण सड़क पर विरोध प्रदर्शन के कारण श्रीलंकाई सरकार गिर गई.

ईस्ट इंडिया कंपनी कहते हैं लोग

प्रसिद्ध थिंक-टैंक सेंटर ऑफ पॉलिटिकल एंड फॉरेन अफेयर्स के फैबियन बौसार्ट ने अप्रैल 2022 में लिखा, “पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) ‘चाइनीज ईस्ट इंडिया कंपनी’ के नाम से कुख्यात है. ईस्ट इंडिया कंपनी उपनिवेशीकरण का प्रतीक है…” बौसार्ट ने कहा था, “40 से अधिक देश चीन के इस जाल में बुरी तरह फंस गए. चीन इन देशों को गरीबी से बाहर निकालने का झांसा देकर उन्हें कर्ज में डाल देता है. कर्ज की रकम सूद के कारण कई गुना बढ़ जाती है और फिर इन देशों के लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे देशों में लाओस, जाम्बिया और किर्गिस्तान शामिल हैं. इनमें अधिकतर देश कम विकसित अर्थव्यवस्थाएं हैं.”



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