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महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का आखिरी स्‍नान, जाने का बना रहे हैं प्लान तो पहले जान लें ये ट्रैफिक अपडेट


प्रयागर:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ (Mahakumbh) के दौरान रोजाना बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. अब तक 60 करोड़ से ज्‍यादा श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पुण्‍य स्‍नान कर चुके हैं. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन महाकुंभ का आखिरी स्‍नान है. ऐसे में अब तक महाकुंभ में नहीं पहुंचे श्रद्धालु भी महाशिवरात्रि या उससे पहले आस्‍था के सबसे बड़े आयोजन में डुबकी लगाने के लिए प्रयागराज का रुख कर रहे हैं. प्रयागराज में उमड़ रहे श्रद्धालुओं के कारण कई मार्गों पर जाम की स्थिति बन जाती है. यदि आप भी महाकुंभ में जाने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो पहले प्रयागराज जाने वाले रास्‍तों और उस पर लगने वाले जाम से जरूर अपडेट रहें. 

प्रयागराज को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग

  • प्रयागराज-वाराणसी मार्ग
  • प्रयागराज-मिर्जापुर
  • लखनऊ-रायबरेली-प्रयागराज
  • प्रयागराज-जौनपुर
  • प्रयागराज-चित्रकूट
  • प्रयागराज-रीवा
  • प्रयागराज-कौशांबी

फिलहाल इन मार्गों पर कैसा है ट्रैफिक?

  • प्रयागराज को अन्‍य शहरों से जोड़ने वाली ज्‍यादातर सड़कों पर फिलहाल जाम की स्थिति नहीं है. इन मार्गों पर फिलहाल ट्रैफिक सुचारू रूप से चल रहा है. हालांकि सैदाबाद से झूंसी तक के रास्ते पर जाम है, लेकिन ट्रैफिक मूव कर रहा है.
  • अंदावा मार्ग पर कई किलोमीटर तक जाम की स्थिति बन जाती है. वहीं यमुना पार इलाके में मुंगारी से नैनी तक और घूरपुर से इरादातगंज के रास्ते पर भी लोग जाम से जूझते रहते हैं.  
  • यहां से आगे दांदुपुर में जाम की स्थिति है. रीवा मार्ग पर नारी-बारी से जरही होते हुए गौहानिया तक भी यही हालत है तो कौशाम्बी की तरफ पुरामुफ्ती से शहर आने वाले रास्ते पर पर भी जाम देखने को मिल रहा है. वहीं सुलेमसराय में वाहन रेंग रहे हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र के करीब रामबाग में भी जाम की स्थिति बनती है. 
  • अगर आप लखनऊ से प्रयागराज आ रहे हैं तो आपके लिए यह राह आसान नहीं है. फाफामऊ से आगे बढ़ने पर तेलियरगंज में जाम की स्थिति है तो प्रतापगढ़ से आने वाले रास्‍ते पर भी लोग जाम से जूझ रहे हैं. 
  • शहर के अंदर बालसन, नैनी की तरफ लेप्रोसी चौराहा, अलोपीबाग फ्लाईओवर और नया यमुना पुल पर जाम रहता है. 
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प्रशासन की ओर से क्‍या है व्‍यवस्‍था?

  • यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए 7 अतिरिक्त आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है. 
  • रीवा, मिर्ज़ापुर, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर की तरफ से आ रहे श्रद्धालुओं को शहर के बाहर बनाई गई निर्धारित पार्किंग पर वाहनों को पार्क कराया जा रहा है. 
  • श्रद्धालुओं को मेला प्रशासन की तरफ से चलाई जा रही शटल बस और ई रिक्शा से संगम क्षेत्र भेजा जा रहा है.
  • प्रयागराज शहर को जाम से बचने के लिए प्रशासन ने रूट डायवर्जन भी किया है, जिससे भीड़ न हो. 
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200 स्‍पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी 

महाकुंभ के दौरान ट्रेनों के जरिए भी बड़ी संख्‍या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं. यही कारण है कि ट्रेनों में जबरदस्‍त भीड़ है. महाकुंभ के मद्देनजर रोजाना 80 से 100 ट्रेनें रोजाना प्रयागराज पहुंच रही हैं. हालांकि रेलवे की ओर से महाशिवरात्रि के मद्देनजर 26 फरवरी को 200 से अधिक कुंभ स्पेशल ट्रेन चलाने की तैयारी है. यह 200 स्पेशल ट्रेन प्रयागराज से श्रद्धालुओं को लेकर उनके गंतव्य तक लेकर जाएगी. इसमें से अधिकतर ट्रेन छोटी दूरी के लिए हैं. साथ ही कुछ ट्रेनों को लंबी दूरी के लिए भी चलाया जा रहा है. हर कुंभ स्पेशल ट्रेन में 18 से 20 डिब्बे हैं. हालांकि श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनज़र 50 से अधिक रेगुलर ट्रेनों को कैंसिल किया गया है.

रेलवे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए 14 हजार से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया. इसमें 92 फीसदी ट्रेन मेल, एक्सप्रेस, सुपर-फास्ट, पैसेंजर और मेमू श्रेणी की रही हैं, जबकि 472 राजधानी और 282 वंदे भारत ट्रेन संचालित हुईं. 

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अब तक 62 करोड़ लोग पहुंचे महाकुंभ 

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को कहा कि प्रयागराज के महाकुंभ में अब तक 62 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं और एक निश्चित समयावधि के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्र होना अपने आप में सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक है. 

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सीएम योगी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दुनिया के अंदर किसी भी आयोजन (चाहे वह आध्यात्म से जुड़ा हो या किसी भी तरह के पर्यटन से संबंधित हो) में एक निश्चित कालखंड के दौरान इतनी बड़ी संख्या में लोगों का एकत्र होना और उस आयोजन के साथ एकजुट होना, अपने आप में सदी की दुर्लभतम घटनाओं में से एक है.”

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कैसी है सुरक्षा की तैयारियां?

संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन होगा. ऐसे में प्रशासन को उम्मीद है कि आगामी दिनों में इसमें और इजाफा होगा. स्नान करने का आखिरी सप्ताह होने के चलते मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. डीआईजी महाकुंभ नगर वैभव कृष्ण ने कहा कि महाकुंभ में शनिवार (22 फरवरी) तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. आज भी मेला क्षेत्र में स्नान करने वालों की संख्या अधिक है. शनिवार को 24 घंटे के दौरान महाकुंभ में स्नान करने वाले लोगों की एक लाख से अधिक गाड़ियां आई. महाकुंभ क्षेत्र में भीड़ और यातायात को अच्छी तरह से नियंत्रित किया गया है. साथ ही पुलिस मुस्तैदी से व्यवस्था को बेहतर करने में जुटी हुई है. 

डीआईजी ने ट्रैफिक को लेकर की गई तैयारियों पर कहा, “महाशिवरात्रि के मद्देनजर महाकुंभ मेला क्षेत्र में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. हमारी यही कोशिश होगी कि संगम क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षापूर्वक स्नान कराकर उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाए. पुलिस ने ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने के लिए गाड़ियों की पार्किंग के इंतजाम किए हैं, जो भी गाड़ी जिस रास्ते से आएगी, उसे नजदीकी पार्किंग में खड़ा कराया जा रहा है. महाकुंभ मेला क्षेत्र में किसी भी गाड़ी को लाने की इजाजत नहीं है. उन्हें सिर्फ पार्किंग में ही खड़ा किया जाएगा.”

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आधे सनातनी लगा चुके हैं डुबकी 

सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक दुनिया में कुल 120 करोड़ सनातनी हैं, इस लिहाज से महाकुंभ में दुनिया के आधे से अधिक सनातनी गंगा और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं. 26 फरवरी तक यह संख्या 65 करोड़ से भी ऊपर पहुंच सकती है. महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत विभिन्न हस्तियां स्नान करने पहुंचे. यही नहीं, नेपाल से 50 लाख से अधिक लोग अब तक स्नान कर चुके हैं।

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आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक करीब आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर डुबकी लगाई. एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ से अधिक और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई. इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया. वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया. 


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