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विपक्ष ने महंगाई, गरीबी को लेकर सरकार पर साधा निशाना : कहा, लोकलुभावन तस्वीर पेश करना बंद करे

राज्यसभा में बुधवार को ‘वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट, लेखनुदानों की मांगों, अनुदानों की अनुपूरक मांगों, जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र अंतरिम बजट, जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए लेखानुदानों की मांगों और जम्मू-कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों’ पर चर्चा हुई.

चर्चा की शुरुआत करते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि 2004 से 2014 तक आर्थिक कुप्रबंधन किया गया उसकी वजह से देश का आर्थिक विकास बाधित हुआ. उन्होंने कहा कि वर्तमान में अर्थव्यवस्था की गति देख कर इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत आने वाले समय में दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.

रेड्डी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब मुद्रास्फीति की दर चरम पर थी. उन्होंने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पर्याय बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने जनता के धन को अपना निजी धन समझा. उन्होंने कहा, ‘‘बोफोर्स घोटाला, 2 जी घोटाला, राष्ट्रमंडल घोटाला, आदर्श घोटाला…और भी कई घोटाले कांग्रेस के शासनकाल में हुए. पार्टी ने देश के हितों को नहीं, अपने हितों को सबसे ऊपर रखा.”

तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि बड़े बड़े दावे करने वाली सरकार न तो रोजगार दे पा रही है और न ही महंगाई कम कर पा रही है. उन्होंने कर ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आम आदमी ने 76 फीसदी कर दिया जबकि कारपोरेट आयकर चार लाख करोड़ रुपये की रियायत के बाद केवल 24 फीसदी रहा.

उन्होंने कहा कि सरकार 12 लाख करोड़ रुपये ब्याज पर दे रही है, छह लाख करोड़ रुपये रक्षा क्षेत्र पर खर्च कर रही है, ढाई लाख करोड़ रुपये पेंशन पर खर्च कर रही है, फिर विकास योजनाओं पर कितनी राशि खर्च हो रही है. ‘‘गरीबों के लिए कितना खर्च किया जा रहा है.”

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तृणमूल सदस्य ने कहा कि उनके राज्य पश्चिम बंगाल के एक लाख 16 हजार करोड़ रूपये रोक दिये गये हैं. उन्होंने दावा किया कि यह ‘आर्थिक नाकेबंदी है और वे गरीब लोगों को मारना चाहते हैं. यह राजकोषीय आतंकवाद है.’ उन्होंने कहा कि सीएमआई की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 45 फीसदी युवा बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ये युवा सरकार को सबक जरूर सिखाएंगे.”

उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बजट में कटौती की जाती है जो ठीक नहीं है. द्रमुक सदस्य एन शणमुगम ने कहा कि सरकार संघवाद की बात करती है लेकिन इस पर अमल नहीं करती. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में बाढ़ की वजह से भीषण तबाही मची है और राज्य सरकार ने बार बार केंद्र से आर्थिक मदद के लिए गुहार लगाई है ताकि वहां पुनर्वास एवं राहत कार्यों को गति दी जा सके.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी और वैसे भी सरकार युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा करने में नाकाम रही है.

भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने बजट का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है. उन्होंने कहा ‘‘ दस साल में सरकार ने कई बड़े काम किए हैं. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम 34 लाख करोड़ रुपये की राशि जन धन खातों में स्थानांतरित की गई है तथा इससे 2.78 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई और 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं.”

उन्होंने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से अत्यंत गरीब लोगों की हालत में भी सुधार आया है. कांग्रेस के दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपाती है और सच की ओर नहीं देखती. उन्होंने कहा ‘‘संप्रग सरकार के दस साल के समय में 7.7 की दर से आगे बढ़ रही जीडीपी की विकास दर आज 5.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी है.”

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उन्होंने कहा कि किसी भी देश की जीडीपी तीन स्तंभों निवेश, खपत और निर्यात पर टिकी रहती है. उन्होंने कहा कि आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल में एफडीआई 1087 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी वह वर्तमान सरकार के दस साल में 70.7 प्रतिशत ही बढ़ा है.

हुड्डा ने कहा कि संप्रग सरकार के समय निर्यात में 400 फीसदी की वृद्धि हुई थी ‘‘लेकिन आज आपके दस साल में यह केवल 40 फीसदी ही बढ़ा और इसकी वजह से आयात निर्यात में घाटा यानी ट्रेड डेफिसिट 31.40 अरब डालर का रहा.”

उन्होंने कहा कि आज डालर के मुकाबले रुपया 83 रुपये पर है. महंगाई का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम तो बढ़े ही हैं, पथकर भी तेजी से बढ़ा है.

हुड्डा ने कहा कि किसान पर आज कर्ज दोगुने से भी ज्यादा है और अगर रिण में रियायत मिली है तो वह कारपोरेट सेक्टर को ही मिली है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए कई परियोजनाएं थीं लेकिन उन्हें कोई आवंटन ही नहीं दिया गया.

राष्ट्रीय जनता दल के ए डी सिंह ने कहा कि उज्जवला योजना के तहत मुफ्त सिलेंडर दिए जाने की बात की जाती है लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कितने सिलेंडर रीफिल किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा ‘‘शायद पांच फीसदी सिलेंडर भी रीफिल नहीं किए जा रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई समस्याएं हैं जिनके समाधान के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि बिहार में लंबे समय से बड़े उद्योग की जरूरत महसूस की जा रही है ताकि वहां के लोगों को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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