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वक्फ बोर्ड पर घमासान… क्या नीतीश, चिराग और चंद्रबाबू नायडू का 'खेल' बिगाड़ेंगे ओवैसी


पटना:

वक्फ बोर्ड का मामला पूरे देश में गरमाया हुआ है और बिहार में खासकर… क्योंकि बिहार में 5 महीने के बाद ही चुनाव है और ऐसे में जो विपक्षी दल हैं, विशेषकर आरेजडी इसे भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही. तेजस्वी यादव जैसे नेता वक्फ बोर्ड बिल के ऊपर हो रहे किसी भी आंदोलन का चेहरा बनने को हमेशा तैयार रहते हैं. ऐसे में बिहार की राजनीति में ओवैसी ने भी नया पांसा फेंक दिया है.

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर नीतीश कुमार, चिराग पासवान और चंद्रबाबू नायडू पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर ये नेता मुसलमानों के हितैषी होने का दावा करते हैं, तो उन्हें केंद्र सरकार में अपनी ताकत का इस्तेमाल करके वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को रोकना चाहिए. ओवैसी ने चेतावनी दी है कि अगर यह विधेयक कानून बन गया, तो मुस्लिम समुदाय इन नेताओं को उनके ‘विश्वासघात’ के लिए माफ नहीं करेगा.

ओवैसी की खुली चुनौती
ये सीधी ललकार है नीतीश कुमार और चिराग पासवान को. नीतीश कुमार इस नई केंद्र सरकार में संख्या बल के हिसाब से खासा दमखम रखते हैं और अपने आप को एक धर्मनिरपेक्ष नेता भी मानते हैं. उनको ओवैसी की खुली चुनौती है कि वो अगर अल्पसंख्यकों के हितैषी हैं. तो वे इस वक्फ बोर्ड बिल को संसद में पारित होने से रोकें.चिराग पासवान, जो केंद्र में मंत्री हैं और 5 सांसदों की पार्टी के नेता भी हैं, को ओवैसी ने चुनौती दी है. चिराग पासवान को एक धर्मनिरपेक्ष छवि के राजनेता के रूप में देखा जाता है, लेकिन ओवैसी ने उन्हें वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के मुद्दे पर अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल करने की चुनौती दी है.

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सीमांचल AIMIM का मजबूत गढ़!
बिहार का सीमांचल क्षेत्र मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां सभी पार्टियां अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही हैं. यह क्षेत्र ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का मजबूत गढ़ बन गया है. हालांकि, AIMIM के चार विधायकों ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होकर पार्टी को बड़ा झटका दिया है.

सीमांचल पर ओवैसी का फोकस!
बिहार विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पूरे राज्य में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. पार्टी मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है, साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है. असदुद्दीन ओवैसी की रणनीति नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है.



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