The Hindkeshariसे बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, विश्व शांति की दिशा में पहल करते दिखेंगे पीएम मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो चुके हैं. इस अवसर पर विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने The Hindkeshariके एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने पीएम मोदी के यूक्रेन टु इटली मिशन के मायने बताए.उनसे जब यह पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल विदेश नीति से डिफाइन होगा या विश्व शांति का जो नया नेतृत्व सामने आएगा, उसका नेतृत्व पीएम मोदी करेंगे. इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया युद्ध,संघर्ष और तनाव का सामना कर रही है.इसमें सुधार लाने की दिशा में पीएम मोदी पहल करते हुए दिख सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप सरकार के पहले 100 दिन के कार्यकाल में इसे होता हुए महसूस कर सकते हैं.
युद्ध, संघर्ष और तनाव से जूझ रही दुनिया
विदेश मंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे सीनियर या यह कहें कि सबसे सीनियर नेताओं में से एक हैं. दुनिया में लोग उनकी इज्जत करते हैं और उनकी सोच को अपनाते हैं.आज दुनिया युद्ध, संघर्ष और तनाव से जूझ रही है. ऐसे में मुझे लगता है कि इसे सुधारने में भारत खासकर पीएम नरेंद्र मोदी का एक व्यक्तिगत योगदान हो सकता है. मोदी की तीसरी सरकार के पहले 100 दिनों के कार्यकाल में आप इस दिशा में कुछ-कुछ होते हुए देख सकते हैं.
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग क्षेत्रों में हम बहुत कुछ कर पाएंगे.यह हम देखेंगे.उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में हमने जितना काम किया है, हमने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम किया है.एजुकेशनल इंस्टीट्यूट विकसित किए हैं.इसके अलावा आफ रेलवे और एयरपोर्ट के आंकड़े देख सकते हैं. इन सभी क्षेत्रों में हमने बहुत से काम किए हैं. इनको अगले पांच साल में हम दोगुरा कर पाएंगे.उन्होंने कहा कि सरकार के हर कार्यकाल को मैं नेशनल डेवलपमेंट से डिफाइन करुंगा.
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में विकास
जयशंकर ने कहा कि आज तीसरे कार्यकाल के 100 दिन हो चुके हैं. हमारी तैयारी इसकी पहले से थी. हमने बहुत तेज शुरुआत की है. विदेशी नीति की बात करें, तो भारत और प्रगति के टारगेट को विदेश नीति और कूटनीति के जरिए किया है. हमारी जिम्मेदारी भी है कि दुनिया में स्थिरता रहे.यह दुनिया की भी जरूरत है. 100 दिन की बात करें, तो पीएम सिंगापुर गए. वह दौरा सेमिकंडक्टर का विजिट था. मलेशिया के पीएम आए और उन्होंने हमारी स्किल को अपने देश में न्योता दिया.
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