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दिल्‍ली में प्रदूषण आज भी 'गंभीर' श्रेणी में, देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों छह राजस्‍थान के…!

दिल्‍ली के लोगों को कब मिल सकती है ‘राहत की सांस’…

खास बातें

  • आज देश का सबसे ज्‍यादा प्रदूषित शहर राजस्‍थान का हनुमानगढ़
  • दिल्‍ली के लोगों को कब मिल सकती है ‘राहत की सांस’
  • दिल्‍ली में आज औसत एक्‍यूआई 435 दर्ज किया गया

नई दिल्‍ली :

दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Delhi AQI) शुक्रवार को भी ‘बहुत खराब’ और कुछ इलाकों में ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बनी हुई है. दिल्‍ली में आज औसत एक्‍यूआई 435 दर्ज किया गया है. ऐसे में दिल्‍ली-एनसीआर पर धुंध की चादर छाई हुई है. सुबह के समय विजिबिलिटी भी काफी काम रही. दरअसल, प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण प्रदूषक कणों का बिखराव नहीं हो पा रहा है. यही वजह है कि प्रदूषण का स्‍तर कम नहीं हो पा रहा है. उधर, पंजाब में रिकॉर्ड स्‍तर पर पराली जलाई जा रही है. इसका भी प्रभाव देश की राजधानी पर देखने को मिल रहा है. हालांकि, दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान-कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के हालिया निष्कर्षों से पता चला कि बुधवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का योगदान लगभग 38 प्रतिशत था.

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देश के आज 10 सबसे प्रदूषित शहर

देश के आज 10 सबसे ज्‍यादा प्रदूषित शहरों में 6 राजस्‍थान के हैं. आज देश का सबसे ज्‍यादा प्रदूषित शहर राजस्‍थान का हनुमानगढ़ है. यहां एक्‍यूआई 438 दर्ज किया गया है. इस सूची में दिल्‍ली दूसरे नंबर है, जहां आज औसत एक्‍यूआई 435 दर्ज किया गया है. राजस्‍थान का चूरू( AQI 418), धौलपुर (AQI 414), श्रीगंगानगर ( AQI 413), भिवाड़ी ( AQI 400) और झुंझुनू ( AQI 397) भी आज देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. वहीं, हरियाणा का फरीदाबाद, बहादुरगढ़ और गुरुग्राम भी इस सूची में शामिल हैं.   

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दिल्‍ली-NCR पर क्‍यों छा जाती है धुंध की चादर?

माध्यमिक अकार्बनिक एयरोसोल (सल्फेट और नाइट्रेट जैसे कण जो बिजली संयंत्रों, रिफाइनरियों और वाहनों जैसे स्रोतों से गैसों और कण प्रदूषकों की परस्पर क्रिया के कारण वायुमंडल में बनते हैं) दिल्ली की हवा में प्रदूषण के दूसरे प्रमुख योगदानकर्ता हैं. पिछले कुछ दिनों में शहर के प्रदूषण में माध्यमिक अकार्बनिक एयरोसोल का योगदान 30 से 35 प्रतिशत रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि हवा नहीं चलने और कम तापमान के कारण प्रदूषक तत्व हवा में बने हुए हैं और अगले कुछ दिन तक भी राहत के आसार नहीं हैं. 

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प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए ये कदम

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना का अंतिम चरण, जिसे क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) कहते हैं, अगले आदेश तक जारी रहेगा. इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सहित कड़े कदम उठाए गए हैं.  दिल्ली सरकार ने राजधानी में जीआरएपी में बताये गये उपायों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए बृहस्पतिवार को छह सदस्यीय विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया. दिल्ली के विशेष सचिव (पर्यावरण) एसटीएफ का नेतृत्व करेंगे, जिसके सदस्यों में परिवहन, यातायात, राजस्व, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.

दिल्‍ली के लोगों को कब मिल सकती है ‘राहत की सांस’

मौसम विभाग के मुताबिक, 21 नवंबर के बाद हवा की गति में सुधार से वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आ सकती है. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से एक्यूआई 419 के आसपास दर्ज किया जा रहा है. एक्यूआई गुरुवार शाम को  412, बुधवार शाम चार बजे 401 दर्ज किया गया था. मंगलवार को यह 397 था. सोमवार को यह 358 और रविवार को 218, शनिवार को 220, शुक्रवार को 279 था.

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर ‘अत्यधिक गंभीर’ माना जाता है.

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