अवैध प्रवासियों पर एक्शन में अमेरिका, ग्वांतानामो खाड़ी की खतरनाक जेल में भेजने की तैयारी
वॉशिंगटन:
अमेरिका अवैध प्रवासियों को लेकर बहुत सख्ती बरत रहा है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही ट्रंप ने अवैध प्रवासियों (US Illegal Migrants) पर एक्शन लिए जाने के आदेश जारी कर दिए थे. द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह अवैध प्रवासियों को ग्वांतानामो की खाड़ी (Guantanamo Bay) में निर्वासित करेंगे. उन्होंने खाड़ी में अवैध प्रवासियों के निर्वासन के लिए एक सुविधा तैयार करने के एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की बात कही है.
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अवैध प्रवासियों पर ट्रंप की सख्ती
ट्रंप का यह आदेश रक्षा विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग को ग्वांतानामो की खाड़ी में 30,000 व्यक्तियों की प्रवासी सुविधा तैयार करने का निर्देश देगा. द हिल की रिपोर्ट के मुकाबिक, क्यूबा में इस सुविधा का इस्तेमाल सैन्य कैदियों को रखने के लिए किया जाता है, इसमें 9/11 के हमलों में शामिल कई कैदी भी शामिल हैं.
ग्वांतानामो खाड़ी में 30,000 बेड की व्यवस्था
ट्रंप ने रिले अधिनियम को कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर वाले एक कार्यक्रम में कहा कि ग्वांतानामो खाड़ी में 30,000 बेड की व्यवस्था है. अमेरिकी लोगों को धमकी देने वाले सबसे खराब अपराधियों को ग्वांतानामो खाड़ी में रखा जाता है. ट्रंप ने कहा कि इनमें कुछ बहुत ही खतरनाक हैं. उनको पकड़ने वाले देशों पर हमको भरोसा नहीं है, क्यों कि हम नहीं चाहते कि वे वापस आएं. इसीलिए उनको ग्वांतानामो भेजने का फैसला लिया है. ट्रंप का यह आदेश अमेरिका से अप्रवासियों को निर्वासित करने की कोशिशों की दिशा में नया कदम है.
अमेरिका की खतरनाक जेल है ग्वांतानामो
ग्वांतानामो खाड़ी अमेरिकी सैन्य अड्डा है. यहां पर संदिग्ध आतंकवादियों को रखा जाता है. आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अमेरिका द्वारा यातना और दुर्व्यवहार के आरोपों के बीच यह खराब प्रकाश में आया. पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने सुविधा में परिचालन बंद कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, वहां अभी भी 15 कैदी हैं.
अमेरिका में अवैध प्रवासियों की अब खैर नहीं!
अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासियों पर ट्रंप का रुख सख्त है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही उन्होंने बिना डॉक्युमेंट्स के रह रहे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने की बात कही थी.साथ ही उन्होंने अन्य देशों को भी ये चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने इन लोगों को वापस लेने से इनकार किया तो उनको इसके परिणाम भुगतने होंगे.