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पुणे हिट एंड रन केस : जुवेनाइल बोर्ड ने बदला आदेश, पोर्शे से 2 लोगों को रौंदने वाले नाबालिग को भेजा रिमांड होम


पुणे:

Pune Hit and Run Case: अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने वाले नाबलिग लड़के को जमानत देने के तीन बाद किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Board) ने अपने आदेश में संशोधन किया है और उसे 5 जून तक रिमांड होम भेज दिया है. पोर्शे की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार 24 साल के दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी. लड़के के वकील कहा कि ऐसा इस बात को ध्यान में रखकर किया गया है कि जनता के गुस्से के कारण उसकी जान को खतरा हो सकता है.

किशोर न्याय बोर्ड ने रविवार को दुर्घटना के 15 घंटे के भीतर 17 साल के लड़के को जमानत दे दी थी और उसे सड़क हादसों पर एक निबंध लिखने के लिए कहा था. इस पर देश भर में आक्रोश फैल गया था.



लड़का पुणे के एक प्रमुख बिल्डर का बेटा है. बोर्ड ने जमानत की शर्तों के तहत लड़के से एक व्यक्तिगत बांड भरने, सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के अलावा, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का दौरा करके सभी रूल्स और रेगुलेशंस का अध्ययन करके एक प्रजेंटेशन देने के लिए कहा था.

उससे शराब की आदत छोड़ने के लिए नशा मुक्ति की सलाह लेने और मनोचिकित्सकों से परामर्श लेने के लिए भी कहा गया था.

नाबालिग लड़के ने दो पबों में अपने दोस्तों के साथ शराब पी थी

पुणे  में यह हादसा रात में करीब 2.15 बजे हुआ था. बारहवीं कक्षा के नतीजे आने के बाद जश्न मनाने के लिए के नाबालिग लड़के ने दो पबों में अपने दोस्तों के साथ शराब पी थी. उसने कल्याणी नगर इलाके में 2.5 करोड़ रुपये की पोर्शे कार से उस मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी जिस पर 24 साल के दो आईटी पेशेवर सवार थे. कार की टक्कर से बाइक चला रहे अनीश अवधिया उछलकर एक खड़ी कार से टकरा गए थे, जबकि बाइक पर पीछे बैठीं अश्विनी कोष्टा हवा में 20 फीट उछलकर गिर गई थीं. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी.

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लड़के की उम्र 17 साल और 8 महीने है. वह वाहन चलाने के लिए कानूनी रूप से तय उम्र से चार महीने कम है. महाराष्ट्र में शराब पीने के लिए कानूनी रूप से न्यूनतम 25 साल की उम्र होना जरूरी है. 

पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने मंगलवार को The Hindkeshariसे कहा था कि किशोर को पता था कि उसके कृत्य से मौत हो सकती है.

अमितेश कुमार ने कहा था कि, “इस मामले में हम नशे में गाड़ी चलाने और लापरवाही से काम करने पर आईपीसी की धारा 304 (ए) लागू नहीं कर रहे हैं. हम धारा 304 लागू कर रहे हैं, जिसमें हम कह रहे हैं कि उसे इस बात की जानकारी थी कि उसने जल्दबाजी में ऐसा काम किया है. वह शराब पीने के बाद एक संकरी सड़क पर तेज गति से बिना नंबर प्लेट वाली पोर्श कार चला रहा था, जिससे मौत हो सकती है या मौत होने की संभावना हो सकती है.” 

लड़के के पिता को पुलिस हिरासत में भेजा गया

इससे पहले पुणे के एक सेशन कोर्ट ने 17 वर्षीय नाबालिग के पिता और एक पब के दो कर्मियों को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया. नाबालिग लड़के के पिता और ब्लैक कब पब के कर्मी नितेश शेवाणी व जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसपी पोंखसे के सामने पेश किया गया था. नाबालिग लड़के का पिता रियल एस्टेट कारोबारी है.

पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता और बार के मालिक व कर्मियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पब के कर्मियों पर नाबालिग को शराब परोसने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है.

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अभियोजन पक्ष ने पिता और दो अन्य लोगों की सात दिनों की पुलिस हिरासत की मांग की थी ताकि पुलिस इस बात की जांच कर सके कि पिता ने अपने बेटे को बिना नंबर प्लेट की गाड़ी ले जाने की इजाजत क्यों दी.

सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस को इस बात का पता लगाने की भी जरूरत है कि पिता बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद फरार क्यों हुआ था. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के समय आरोपी नाबालिग के पिता के पास से एक साधारण मोबाइल फोन मिला था और पुलिस को यह जांच करने की जरूरत है कि उसका दूसरा फोन कहां है.

होटल ब्लैक क्लब के कर्मचारी जयेश गावकर के लिए पुलिस हिरासत की मांग करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि वे यह पता लगाना चाहते हैं कि किसकी मंजूरी से नाबालिग और उसके दोस्तों को प्रवेश दिया गया. अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि दुर्घटना के समय नाबालिग के साथ मौजूद पोर्श गाड़ी के चालक ने गाड़ी चलाने को कहा था लेकिन लड़के ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया.

कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.


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