देश

राहुल गांधी ने बंगाल से देशभर में अन्याय के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने की अपील की

गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपने स्वागत के लिए आभार जताते हुए कहा, ‘बंगाल एक विशेष स्थान रखता है. इसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व किया था. यह बंगाल और बंगालियों का कर्तव्य है कि वे नफरत के खिलाफ लड़ने का एक रास्ता दिखाएं और वर्तमान परिस्थितियों में एकता को बढ़ावा दें और नफरत को रोकें.”

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप इस मौके पर नहीं खड़े हुए, तो लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे. यह किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं है, यह बंगाल द्वारा रास्ता दिखाने और इस लड़ाई में नेतृत्व करने को लेकर है.”

गांधी ने हालांकि सीधे तौर पर किसी भी राजनीतिक दल का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन उनकी टिप्पणी पर टीएमसी और अन्य राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रियाएं आयीं. टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, ‘‘हां, वह सही हैं कि बंगाल ऐतिहासिक रूप से निर्णायक आंदोलनों में सबसे आगे रहा है, खासकर अंग्रेजी शासन के खिलाफ. ममता बनर्जी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोक दिया और विपक्षी गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. हालांकि, वह बंगाल कांग्रेस नेतृत्व था, जिसने राज्य में भाजपा के साथ समझौता किया.”

वहीं, भाजपा की पश्विम बंगाल इकाई के प्रवक्ता ने गांधी की टिप्पणी को विभाजनकारी बताते हुए उसकी आलोचना की और कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि राहुल गांधी कैसे इस तरह की टिप्पणी कर सकते हैं, जो क्षेत्रवाद की ओर इशारा करती है. यह एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता से अप्रत्याशित है.”

गांधी का बयान कांग्रेस नेतृत्व द्वारा ममता बनर्जी को मनाने के प्रयासों के बीच आया है, जिन्हें वे विपक्षी गठबंधन का ‘महत्वपूर्ण स्तंभ’ मानते हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने हाल ही में राज्य में गतिरोध सुलझाने का एक रास्ता खोज लेने का विश्वास जताया था.

यह भी पढ़ें :-  महुआ मोइत्रा ने सरकारी आवास से बेदखल किये जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख

गांधी सिलीगुड़ी में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, जहां यात्रा रात के लिए रुकेगी. गांधी ने केंद्र की भाजपा सरकार की गरीबों और युवाओं के हितों पर कॉर्पोरेट हितों को कथित तौर पर प्राथमिकता देते हुए नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए आलोचना की.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर देशभर में नफरत और हिंसा फैलाने तथा गरीबों और युवाओं के हितों को नजरअंदाज करके बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए एक अल्पकालिक भर्ती योजना, अग्निवीर (अग्निपथ) योजना शुरू करके उन युवाओं का मखौल उड़ाया है, जो सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते थे.’

उन्होंने कहा, ‘देशभर में नफरत और हिंसा फैलायी जा रही है. इससे कोई फायदा नहीं होगा. नफरत फैलाने के बजाय, हमें प्यार का प्रसार करने और अपने युवाओं को न्याय दिलाने की दिशा में काम करना होगा. केंद्र सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए काम कर रही है, गरीबों और युवाओं के लिए नहीं.”

भाजपा और आरएसएस पर नफरत और हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए, गांधी ने यात्रा के सार को रेखांकित करते हुए कहा, ‘यात्रा के साथ ‘न्याय’ शब्द जोड़ा गया है, क्योंकि पूरे देश में अन्याय व्याप्त है.’

उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसे भारत की आकांक्षा रखते हैं, जहां अत्यंत गरीब भी बड़े सपने देख सके और अपनी आकांक्षाओं को साकार कर सके. हम एक ऐसा भारत चाहते हैं, जहां कड़ी मेहनत का सम्मान किया जाए. हालांकि, आज, भारतीय युवा रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

यह भी पढ़ें :-  दीपावली से पहले PM मोदी का ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर, कहा - आत्मनिर्भर भारत के सपने को करें साकार

सोमवार को दोपहर में बिहार में प्रवेश करने से पहले यात्रा उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर के लिए रवाना होगी. यात्रा ने बुधवार को असम से बंगाल में प्रवेश किया था और दो दिन के अवकाश से पहले कूच बिहार जिले से होकर गुजरी थी.

यात्रा 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली है. यह यात्रा 20 या 21 मार्च को मुंबई में समाप्त होने से पहले 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button