'साहेब, बीवी और गैंगस्टर…' ये फिल्म नहीं बिहार में चुनाव का गजब सीन है
नई दिल्ली:
साहेब बीवी और गैंगस्टर… आपको लग रहा होगा कि लोकसभा चुनाव के बीचों बीच हम यह किस तरह की बात कर रहे हैं. लेकिन बिहार में इस चुनाव में ऐसा ही एक मुकाबला देखने को मिल रहा है. दरअसल, यह मुकाबला है बिहार की सीवान और मुंगेर सीट पर. इन दोनों सीटों से यहां के पूर्व बाहुबली नेताओं की पत्नियां इस बार मैदान में हैं. मुंगेर में बाहुबली ललन सिंह के बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने से यह लड़ाई और दिलचस्प हो गई है. इसी सीट से जदयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजनी उर्फ ललन सिंह भी मैदान में हैं.
शहाबुद्दीन की पत्नी निर्दलीय लड़ रही हैं चुनाव
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बात अगर सीवान की करें तो इस सीट को राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता रहा है. हालांकि, इस बार शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब मैदान में हैं. लेकिन इस बार हिना ने 30 अप्रैल को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन कर दिया है. हिना के बतौर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में होने की वजह से जेडीयू और राजद की परेशानी बढ़ गई है.
2021 में शहाबुद्दीन की मौत के बाद लालू यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी से दूरी बनानी शूरू कर दी थी. हालांकि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजद ने उन्हें मनाने की हर संभव कोशिश की लेकिन वह नहीं मानीं. बात अगर जेडीयू की करें तो इस बार के चुनाव में उसने बाहुबली अजय सिंह की पत्नी और मौजूदा सांसद कविता सिंह की जगह विजयलक्ष्मी कुशवाहा को टिकट दिया है. विजयलक्ष्मी जदयू के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी हैं. उधर, राजद ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतारा है.
मुंगेर में भी नाक की लड़ाई
सीवान की तरह ही मुंगेर में भी मुकाबला बेहद रोमांचक है. यहां राजद ने गैंगस्टर अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया है. हालांकि, कहा तो यहां तक जा रहा है कि अनीता देवी तो सिर्फ एक उम्मीदवार हैं, चुनाव तो असल में अशोक महतो ही लड़ रहे हैं. मुंगेर जदयू के पूर्व अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का गढ़ माना जाता है. वो यहां से 2009 और 2019 में जीत चुके हैं.
2022 में नीलम देवी ने जीता चुनाव
2019 में राजद ने इस सीट से कांग्रेस के साथ गठबंधन करते हुए इस सीट से गैंगस्टर और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को मैदान में उतारा था. हालांक, उस दौरान नीलम सिंह एक लाख वोट से हार गई थी. 2022 में अनंत सिंह दोषी पाए गए और उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई. ऐसे में यहां उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में नीलम देवी को मोकामा से मैदान में उतारा गया और उन्होंने भाजपा को हराकर जीत हासिल की.
इस साल फरवरी में बिहार विधानसभा में विश्वास मत के दौरान नीलम देवी ने एनडीए के प्रति अपना समर्थन जताया. अब नीलम देवी मुंगेर में जदयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह के लिए प्रचार कर रही हैं. कुछ दिन पहले ही उनके पति अनंत सिंह भी पेरोल पर जेल से बाहर आए हैं. जेल से बाहर आते ही वह सीधे मुंगेर गए और वहां उन्होंने ललन सिंह के लिए प्रचार किया. मुंगरे की इस लड़ाई में लोगों की दिलचस्पी और तब बढ़ गई जब बाहुबली नेता ललन सिंह ने भी यहां से निर्दलीय पर्चा भर दिया. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो गया है.