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संजय सिंह की रिमांड 13 अक्टूबर तक बढ़ी, ED ने कोर्ट में कहा-सवालों का ठीक से नहीं दे रहे जवाब

रिमांड बढ़ाने की मांग करते हुए ED ने कहा कि संजय सिंह सवालों का ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं. ईडी की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि संजय सिंह हिरासत में सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे है और जांच में सहयोग नहीं कर रहे. उनसे फोन के डेटा के बारे में पूछा गया तो उसका भी उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया.

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ED ने कहा- हमारे पास अहम जानकारी

कोर्ट के सवाल के जवाब में ED की ओर से पेश वकील ने बताया, ”हाल ही में रेड चंडीगढ़ में डाली गई है, जिस बिजनेसमैन की निशानदेही पर छापेमारी की गई है, उसका बयान दर्ज हो गया है. उनसे कुछ ऐसी अहम जानकारी दी हैं, जिनका खुलासा इस वक्त नहीं किया जा सकता.” ईडी की ओर बताया गया कि इस मामले में रिश्वत मांगे जाने के सबूत जांच एजेंसी के पास हैं. प्रवर्तन निदेशालय इन आरोपों की जांच कर रहा है.

ईडी ने कोर्ट को बताया कि शराब व्यपारियों के लाइसेंस को क्लियर करने के लिए घूस मांगी गई थी. ईडी ने कहा कि सर्वेश मिश्रा भी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि सर्वेश मिश्रा को कल के लिए नया समन जारी किया है.

संजय सिंह ने खुद के एनकाउंट की जताई आशंका 

संजय सिंह के वकील ने ईडी की रिमांड बढ़ाने पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि डेढ़ साल में बड़ा अमाउंट पकड़ नहीं पाए. अब पांच दिन की हिरासत में पकड़ लेंगे. इस पर ED ने कहा कि मामले में बड़ी रकम शामिल है, उसका पता करना है. इस बीच संजय सिंह ने खुद के एनकाउंट की आशंका जताई. उन्होंने कहा, “मैंने ED से पूछा कि अगर मेरा एनकाउंटर हो जाएगा, तो उसका जवाबदेह कौन होगा. अधिकरियों ने कहा उसका जवाब हम दे देंगे.”

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संजय सिंह ने कोर्ट से कहा कि 3 तारीख को कोर्ट में पेश किया, तो तब कोर्ट को यह क्यों नहीं बताया कि ईडी के लॉकअप में केमिकल का छिड़काव हुआ है. संजय सिंह ने कोर्ट से कहा किस ऊपर वाले के कहने पर मुझको ऊपर भेजने की तैयारी थी. कोर्ट को यह सवाल ED से पूछना चहिए. इस पर कोर्ट ने ईडी से कहा बिना कोर्ट को बताए संजय सिंह को कहीं नहीं ले जाना चहिए.

5 अक्टूबर को हुए थे गिरफ्तार

ईडी ने संजय सिंह के दिल्ली वाले घर में बुधवार (5 अक्टूबर) को सुबह 7 बजे से छापा मारा था. यहां से कई दस्तावेज जब्त किए गए थे. लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उसी शाम करीब 5:30 बजे संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया. आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है. इस केस में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) फरवरी से ही जेल में हैं.

जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में जोड़ा था संजय सिंह का नाम

ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये का चंदा लेने का जिक्र है. इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था. इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था. संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है. जिस पर ED ने जवाब दिया कि उनकी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है. इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है. सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी. जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है.

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क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?

दिल्ली में पुरानी आबकारी नीति के तहत L1 और L10 लाइसेंस रिटेल वेंडर को दिया जाता था. 17 नवंबर 2021 को शराब के लिए नई आबकारी नीति लागू होने तक 849 शराब की दुकानें थीं. इनमें से 60% दुकानें सरकारी और 40% निजी थीं.

नई नीति के तहत दिल्ली में शराब की सरकारी दुकानों को बंद कर दिया गया. नई नीति को लागू करने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया था. हर जोन में 27 शराब की दुकानें थीं. इन दुकानों का मालिकाना हक जोन को जारी किए गए लाइसेंस के तहत दिया गया था. हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति दी गई.

कमीशन के पैसों को चुनाव में खर्च करने का आरोप

उपराज्यपाल और दिल्ली के CM को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार सिसोदिया ने उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना शराब नीति में बदलाव किया. आरोप है कि इससे शराब ठेकेदारों को फायदा पहुंचा. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इससे मिले कमीशन का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में किया. नई शराब नीति में तमाम खामियों के बाद चार महीन के भीतर ही नई शराब नीति को वापस ले लिया गया था.

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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से सीबीआई से इस मामले की जांच कराने की सिफारिश की गई थी. इसके बाद ही इस पॉलिसी को रद्द कर दिया गया था. इसके बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA Act)के तहत मामला दर्ज किया. ईडी मनीष सिसोदिया के केस की भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है.

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