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महाकुंभ में भीड़ देख स्टीव जॉब्स की पत्नी को हुई एलर्जी, तबीयत खराब होने के चलते नहीं कर पाईं अमृत स्नान


नई दिल्ली/प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है. मकर संक्रांति (14 जनवरी) को पहला शाही स्नान हो रहा है. महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के लिए करीब 50 देशों के श्रद्धालु भी प्रयागराज पहुंचे हैं. इनमें आईफोन बनाने वाली कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी हैं. लॉरेन को महाकुंभ में स्वामी कैलाशानंद गिरि ने अपना गोत्र दिया है. उन्हें कमला नाम भी दिया गया है. हालांकि, वह महाकुंभ में आते ही बीमार पड़ गईं. लिहाजा मंगलवार को वह अमृत स्नान नहीं कर पाईं.

स्वामी कैलाशानंद गिरि ने न्यूज एजेंसी ANI को इसकी जानकारी दी है. गिरि ने बताया, “लॉरेन पॉवेल मेरे शिविर में आराम कर रही हैं. उन्हें इतनी भीड़भाड़ में एलर्जी हो गई है. लॉरेन ने बताया कि वह इससे पहले कभी इतनी भीड़भाड़ वाली जगह पर नहीं गई हैं.” 

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स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया, “लॉरेल पॉवेल बहुत सरल स्वभाव की हैं. उन्होंने पूजा के दौरान हमारे साथ काफी समय बिताया. हमारी परंपरा ऐसी है कि जो लोग इसे पहले नहीं देख पाए है, वे सभी इसमें शामिल होना चाहते हैं.”

लॉरेन ने किए थे काशी विश्वनाथ के दर्शन
सोमवार को लॉरेल पॉवेल ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. उसके बाद वह महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंची थीं. उन्होंने 29 जनवरी तक महाकुंभ के मेले में रुकने की बात कही थी. लेकिन, अब वो 15 जनवरी तक निरंजनी अखाड़ा शिविर में रहेंगी. इसके बाद वह 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए अमेरिका रवाना हो जाएंगी.

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महाकुंभ में सनातन धर्म के 13 अखाड़ा करेंगे स्नान
महाकुंभ में के पहले अमृत स्नान में मंगलवार शाम 5 बजे तक करीब 4 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं. महाकुंभ में स्नान के लिए सभी सनातन धर्म के 13 अखाड़ों को अलग-अलग 30-40 मिनट का समय दिया गया है. इन 13 अखाड़ों को 3 ग्रुप में बांटा गया है- संन्यासी, बैरागी और उदासीन. संन्यासी ग्रुप में श्री पंच दशनम जूना अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, श्री पंचायती अटल अखाड़ा, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री शंभू पंचगणी अखाड़ा. श्री पंचदशनम अव्हान अखाड़ा और तपोनिधि श्री आनंद अखाड़ा शामिल है.

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भारत में सिर्फ 4 जगहों पर होता है महाकुंभ का आयोजन
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. ये हर 13 साल बाद आयोजित होता है. भारत में सिर्फ 4 जगहों पर महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. ये जगहें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक. प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 26 फरवरी तक होगा. 

किस-किस दिन अमृत स्नान?
29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान होगा. 3 फरवरी को बसंत पंचमी के मौके पर तीसरा अमृत स्नान किया जाएगा. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर चौथा अमृत स्नान होना है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के मौके पर आखिरी अमृत स्नान होगा.

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