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37 साल की फ्रांसीसी महिला की अजीब प्रेग्नेंसी, पेट दर्द के बाद पता चली गर्भवती होने की बात

फ्रांस में प्रेग्नेंसी का अजीबोगरीब मामला (प्रतीकात्मक फोटो)

फ्रांस में एक 37 साल की महिला के साथ एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. उसे सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उसे पता चला कि वह 23 हफ्ते की गर्भवती है, जिसकी उसको कोई जानकारी नहीं है. डॉक्टर्स ने बताया कि उसकी आंत में एक बच्चा पल रहा है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक केस स्टडी के मुताबिक, महिला ने 10 दिनों के गंभीर पेट दर्द और पेट फूलने की परेशानी के बाद डॉक्टर्स के पास पहुंची. डॉक्टर्स ने उसको स्कैन किया, जिसके बाद उसे पता चला कि उसके पेट की गुहा के अंदर एक “सामान्य रूप से निर्मित” भ्रूण बढ़ रहा था, जो पेट और आंत के बीच में होता है.

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फ्रांसीसी महिला की अजीबोगरीब डिलीवरी

स्टडी के मुताबिक, डॉक्टरों ने बताया कि महिला एब्डोमिनल की एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का अनुभव कर रही थी, इस तरह की प्रेग्नेंसी में भ्रूण गर्भाशय के भीतर नहीं बल्कि फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय, या अन्य अंगों के भीकर विकसित होता है. इस वजह से ज्यादातर बच्चों की मृत्यु हो जाती है, हालांकि, फ्रांस में चमत्कारिक रूप से डॉक्टरों ने 29 हफ्ते के बच्चे का जन्म सफलतापूर्वक कराया. तीन महीने के भीतर, मां और उसके नवजात बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. 

मौत के खतरे के बीच बच्चे का जन्म

डॉक्टर की कोशिश की वजह से मां के लिए संभावित खतरे को दूर किया जा सका. दरअसल एक्टोपिक गर्भधारण से आंतरिक रक्तस्राव, ट्यूब टूटना या झटका लग सकता है, इससे भ्रूण की मृत्यु भी हो सकती है. न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, इस मामले में बच्चे को खोने की संभावना 90% तक होती है. और जीवित बचे जो बच्चे जीवित बच जाते हैं उनमें जन्म दोष या मस्तिष्क क्षति होने की संभावना पांच में से एक होती है.

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महिला की सफल डिलीवरी, जच्चा-बच्चा सुरक्षित

फ्रांस के डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित किया कि बच्चे को जीवित रहने की ज्यादा संभावना देने के लिए गर्भावस्था के 29 हफ्तों का इंतजार करना होगा. उसके बाद अपनी स्किल्स से विशेषज्ञों ने सफल डिलीवरी की. ये पहली बार नहीं है कि जब इस तरह के भ्रूण का मामला सामने आया है. पोस्ट के मुताबिक, एक बार एक डॉक्टर ने सोशल मीडिया पर एक महिला के लिवर में पल रहे भ्रूण के केस की रिपोर्ट साझा की थी. मैनिटोबा के चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. माइकल नार्वे ने क्लिप में कहा, “मुझे लगा कि मैंने यह सब देखा है.” उन्होंने कहा, “यह कभी-कभी पेट में देखते हैं लेकिन लीवर में कभी नहीं. मेरे लिए यह पहली बार है.”

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