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"आपसे पूछताछ करने के लिए पर्याप्त आधार": पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी को भेजा नोटिस


बेंगलुरु:

बेंगलुरु के आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है. कर्नाटक पुलिस ने अतुल सुभाष की पत्नी और उनके परिवार के सदस्यों को समन जारी किया है. समन में उन्हें बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है. 

अतुल सुभाष के भाई विकास कुमार की शिकायत के आधार पर एक महिला पुलिसकर्मी सहित बेंगलुरु पुलिस की चार सदस्यों की टीम उत्तर प्रदेश के जौनपुर पहुंची. पुलिस ने जौनपुर में अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया के निवास पर एक नोटिस चिपकाया. यह नोटिस निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, उनके भाई अनुराग सिंघानिया और उनके चाचा सुशील सिंघानिया को जारी किया गया है.

पुलिस के नोटिस में लिखा है, “तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए आपसे पूछताछ करने के लिए उचित आधार हैं. आपको 3 दिनों के भीतर बेंगलुरु में जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया जाता है.” 

बिहार के मूल निवासी थे अतुल सुभाष

अतुल सुभाष बिहार के मूल निवासी थे, लेकिन वे बेंगलुरु में रहते थे और एक निजी फर्म के लिए काम करते थे. उन्होंने  24 पन्नों का एक नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी और उसके परिवार के उत्पीड़न व उत्तर प्रदेश के एक जज द्वारा दायर कई मामलों के कारण उन्हें कई वर्षों तक भावनात्मक रूप से परेशान होना पड़ा. अतुल सुभाष के नोट और वीडियो के विवरण सामने आने के बाद उनका परिवार सदमे में है. अतुल का परिवार न्याय की मांग कर रहा है.

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विकास ने बताया कि सुसाइड नोट में भी अतुल सुभाष ने लिखा था: “अगर मैं सिस्टम से जीत गया तो मेरी अस्थियां गंगा में प्रवाहित कर देना, नहीं तो कोर्ट के बाहर गटर में प्रवाहित कर देना.” 

शिकायत में कहा गया है कि अतुल सुभाष ने 2019 में निकिता सिंघानिया से शादी की थी और उनका एक बच्चा भी है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि तलाक के बाद निकिता सिंघानिया और उसके परिवार ने अतुल सुभाष के खिलाफ झूठा केस दर्ज कराया और मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगे.

हर पन्ने पर “न्याय मिलना चाहिए” लिखा

बेंगलुरु पुलिस को सोमवार को सुबह 6:00 बजे एक फ्लैट में आत्महत्या के बारे में सूचना मिली थी. पुलिस को फ्लैट अंदर से बंद मिला था. पुलिस घर के अंदर घुसी तो वहां उसने अतुल सुभाष को फांसी पर लटका हुआ पाया.

पुलिस को 24 पन्नों का नोट भी मिला जिसमें अतुल सुभाष ने हर पन्ने पर “न्याय मिलना चाहिए” लिखा था. उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया. अतुल सुभाष ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक पारिवारिक न्यायालय के जज पर उनकी सुनवाई न करने और न्यायालय के एक अधिकारी पर न्यायाधीश के सामने रिश्वत लेने का आरोप लगाया. अतुल ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने उनके खिलाफ हत्या, यौन दुराचार, पैसे के लिए उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और दहेज सहित नौ मामले दर्ज कराए हैं.

अतुल सुभाष ने उन घटनाओं की जानकारी दी जिनके कारण उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी. उन्होंने एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उन्होंने अपने कथित उत्पीड़न का जिक्र किया और अपने परिवार के सदस्यों से कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें. उन्होंने अपने चार साल के बेटे के लिए भी एक संदेश लिखा था, जिसके बारे में उनका दावा है कि उसे उनसे दूर रखा गया था. नोट में यह भी कहा गया था कि उनके माता-पिता को उनके बच्चे की कस्टडी दी जाए.

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