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सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अखिल भारतीय दिशा-निर्देश तैयार करने को लेकर गृह मंत्रालय से मांगा जवाब

(फाइल फोटो)


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने समाज में महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए कानूनों पर कठोर कार्यान्वयन के लिए अखिल भारतीय दिशानिर्देश तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय सहित केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा और पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग वाली याचिका पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है. 

याचिकाकर्ता के वकील ने कही ये बात

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि संयोग से, आज निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना की 12वीं वर्षगांठ भी है. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय दिशा-निर्देशों की मांग करने वाली जनहित याचिका में बलात्कार के दोषियों की रासायनिक नसबंदी, पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और विभिन्न मंत्रालयों को नोटिस जारी किया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से भी मांगी मदद

सुप्रीम कोर्ट ने इसमें अटॉर्नी जनरल की भी सहायता मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “मांगे गए कुछ निर्देश मुश्किल हैं”. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बसों, ट्रेनों, हवाई अड्डों, एयरलाइनों में सार्वजनिक परिवहन में सामाजिक व्यवहार पर एक संहिता जारी करने की प्रार्थना चर्चा के योग्य है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा इसे सख्ती से लागू किया जाना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं और ट्रांसजेंडर की सुरक्षा और पोर्नोग्राफी पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिशा-निर्देशों जारी करने की मांग वाली याचिका पर ये कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में उचित सामाजिक व्यवहार के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक प्रार्थना महत्वपूर्ण है. इसे न केवल सिखाया जाना चाहिए बल्कि सख्ती से लागू भी किया जाना चाहिए क्योंकि विमान में अप्रिय व्यवहार की घटनाएं भी सामने आई हैं. 

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