Tesla कारें जल्द ही भारत में बिकेंगी? जानिए- एलोन मस्क की कंपनी के वाहनों की कितनी हो सकती है कीमत
पिछले कुछ सालों से टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश करने में रुचि लेती रही है, लेकिन भारी आयात शुल्क के कारण टेस्ला भारत में नहीं लाई जा सकी. हालांकि 35,000 डॉलर से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए कम आयात शुल्क की हालिया घोषणा के बाद टेस्ला के भारत में प्रवेश का रास्ता खुल गया है. हालांकि इसमें शर्त है कि निर्माता को 4150 करोड़ रुपये के निवेश की गारंटी देनी होगी और 25% स्थानीयकरण के साथ तीन साल के भीतर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करना होगा. बाद में पांच वर्षों के भीतर 50% स्थानीयकरण का लक्ष्य पूरा करना होगा.
भारत में टेस्ला की योजनाओं को लेकर अटकलें जारी हैं. शुरुआत के लिए, 35,000 डॉलर का मतलब है कि टेस्ला अपने सभी वाहनों का भारत में आयात शुरू कर सकता है. अमेरिकी बाजार में इसका सबसे सस्ता उत्पाद मॉडल 3 है, जिसकी शुरुआती कीमत 40,000 डॉलर से अधिक है. टेस्ला के पास मौजूदा चार प्रोडक्ट का पोर्टफोलियो है.
उम्मीद की जा सकती है कि प्रीमियम और लक्ज़री ईवी के क्षेत्र में टेस्ला के मॉडल जल्द ही भारत में आएंगे. टेस्ला उत्पादों को मौजूदा लक्जरी और प्रीमियम ईवी वाहनों की कीमतों को देखते हुए लाभ मिलने की उम्मीद है. लक्जरी वाहनों के क्षेत्र में मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों ने पहले ही कुछ निवेश किया है. हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि क्या वे नई योजना में आयात शुल्क लाभ लेने के लिए पात्र हैं.
भारत में मर्सिडीज ईवी रेंज की कीमत करीब 80 लाख रुपये से शुरू होती है, जबकि बीएमडब्लू (BMW) की सबसे सस्ती ईवी iX1 की कीमत लगभग 67 लाख रुपये है. कीमत के हिसाब से, टेस्ला के वाहन Hyundai IONIQ 5 जैसे उत्पादों के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर सकती है, जिसकी कीमत करीब 46 लाख है. इसके अलावा EV 6 लगभग 61 लाख रुपये में बिकती है.
टेस्ला के जर्मनी से भारत में अपने उत्पादों का आयात किए जाने की संभावना है. इसके मॉडल Y के राइट-हैंड ड्राइव वर्जन का निर्माण बर्लिन गीगाफैक्ट्री में पहले ही शुरू हो चुका है.
टेस्ला को असली सफलता बड़े पैमाने पर बाजार में प्रवेश से मिलेगी. टेस्ला ने प्रोजेक्ट रेडवुड का ऐलान किया है, जो कि एक छोटी मास-मार्केट ईवी है जिसे 2025 में लॉन्च करने का प्रस्ताव है. इसकी कीमत 25,000 डॉलर या करीब 20 लाख रुपये हो सकती है. यह सीधे तौर पर टाटा, महिंद्रा और मारुति सुजुकी जैसे घरेलू ईवी निर्माताओं के क्षेत्र में प्रवेश करेगा. इन सभी की 20-25 लाख रुपये के सेगमेंट सहित विभिन्न प्राइज सेगमेंट में ईवी लॉन्च करने की योजना है.
वित्तीय वर्ष 2024 में ईवी की बाजार में हिस्सेदारी एक अंक (2%) पर बनी रही. हालांकि वित्तीय वर्ष 2013 में इसमें 91 फीसदी की तीव्र वृद्धि देखी गई थी. भारत का लक्ष्य 2030 तक वाहन बाजार में 30 प्रतिशत ईवी बिक्री हासिल करना है.
देश में ईवी सेगमेंट में लीडर 70 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी के साथ टाटा मोटर्स है. टाटा के सबसे लोकप्रिय उत्पादों में से एक नेक्सॉन ईवी है, जिसकी कीमत 14.5 लाख से 19.9 लाख रुपये के बीच है. ईवी सेगमेंट में मारुति के बहुप्रतीक्षित मॉडल ईवीएक्स की कीमत भी करीब 20 लाख से 22 लाख रुपये होने की उम्मीद है.
टेस्ला के लिए भारतीय बाजार में पहुंचने के लिए अच्छा संकेत है कि उसकी कम लागत वाली कॉम्पैक्ट हैच रेडवुड के लिए यह एक बाजार हो सकता है. भारत ने जारी वित्तीय वर्ष में 6 लाख से अधिक कारों का निर्यात किया है.
हालांकि मीडिया में ऐसी भी खबरें आई हैं कि टेस्ला छोटी ईवी के प्रोजेक्ट से दूर हो रही है, लेकिन कंपनी ने इन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की है. एलोन मस्क ने इसे रिपोर्ट करने वाले मीडिया आउटलेट की खबर का खंडन करने के लिए एक्स का सहारा लिया.
टेस्ला के प्लांट अमेरिका, जर्मनी और चीन में हैं. भारत टेस्ला के लिए मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी वाला चौथा देश होगा. एलोन मस्क ऐसे वक्त में भारत आ रहे हैं जब अमेरिका जैसे बड़े वैश्विक बाजारों में ईवी की बिक्री में मंदी देखी गई है. इसके चलते टेस्ला को भी अपना 10 प्रतिशत उत्पादन घटाना पड़ा है.
टेस्ला को चीनी कंपनियों से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो अपनी कम लागत वाली मैन्युफैक्चरिंग के जरिए काफी किफायती मूल्य पर ईवी पेश कर रही हैं.