The HindkeshariExplainer : कर्नाटक के मांड्या में हनुमान ध्वज क्यों हटाया गया?

आज सुबह मांड्या और बेंगलुरु सहित राज्य के अन्य हिस्सों से आए विरोध प्रदर्शन के दृश्यों में दर्जनों पुरुष और महिलाएं हनुमान के झंडे लहराते या भगवा स्कार्फ पहने नजर आ रहे हैं. साथ ही पुलिस के साथ झड़प के दृश्य भी सामने आए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा वीडियो में पुलिस को बेंगलुरु में भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेते दिखाया गया है.
#WATCH | Karnataka Police detain BJP workers protesting in Bengaluru over the Mandya flag issue.
Mandya district administration yesterday brought down the Hanuman flag hoisted by the Gram Panchayat Board of Mandya district. https://t.co/7RhJZvEjpKpic.twitter.com/IntYMOKKAA
— ANI (@ANI) January 29, 2024
गांव के लोगों के साथ रविवार को भाजपा, जेडीएस और बजरंग दल के सदस्यों की भीड़ के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया है.
जानिए क्या है हनुमान ध्वज मामला
सूत्रों ने कहा कि केरागोडु गांव के निवासियों और इलाके के करीब एक दर्जन अन्य लोगों ने एक मंदिर के पास ध्वज की स्थापना के लिए धन दिया था. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि भाजपा और जेडीएस भी इसमें शामिल थे.
आधिकारिक और पुलिस सूत्रों ने बताया कि केरागोडु और 12 पड़ोसी गांवों के निवासियों और कुछ संगठनों ने रंगमंदिर के पास ध्वज स्तंभ की स्थापना के लिए धन दिया था. कथित तौर पर, भाजपा और जेडीएस कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि ध्वज स्तंभ पर हनुमान की तस्वीर वाला भगवा झंडा फहराया गया, जिसका कुछ लोगों ने विरोध किया और प्रशासन से शिकायत की. इस पर कार्रवाई करते हुए तालुक पंचायत कार्यकारी अधिकारी ने ग्राम पंचायत अधिकारियों को ध्वज हटाने का निर्देश दिया.
अधिकारियों ने कहा कि श्री गौरीशंकर सेवा ट्रस्ट को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी गई थी और हनुमान ध्वज फहराना नियमों का उल्लंघन है. झंडा उतार दिया गया, जिससे विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.
ग्राम पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि झंडा फहराने की अनुमति का अनुरोध करने वाला पत्र “धार्मिक उद्देश्यों” के लिए इसके उपयोग का संदर्भ देता है. विरुपाक्ष ने कहा, “मुख्यमंत्री को इस विवाद की हकीकत नहीं पता…जिला अधिकारी ने उन्हें गलत जानकारी दी है.”
उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने अनुरोध पत्र लिखा था तो उल्लेख किया था कि इसका उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा. हम जो अनुरोध कर रहे हैं वह हमें भगवा झंडा फहराने की अनुमति देना है.”
हनुमान ध्वज हटाने पर राजनीतिक विवाद
हनुमान ध्वज विवाद को लेकर भाजपा और जेडीएस ने कांग्रेस पर हमला बोला है. आम चुनाव से पहले गठबंधन करने वाले भाजपा और जेडीएस ने सरकार पर “तुष्टिकरण की राजनीति” का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में विपक्ष ने केरागोडु से जिला कलेक्टर कार्यालय तक पदयात्रा शुरू कर दी है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों के हमलों का जवाब दिया है. रविवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुमति नहीं होने पर राष्ट्रीय ध्वज की जगह हनुमान ध्वज फहराना गलत है. आज सुबह डीके शिवकुमार ने कहा, “उन्हें राजनीति करने दें (यदि वे चाहते हैं)… लेकिन उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं…”
इस बीच भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस सरकार की “हिंदू विरोधी नीति” के खिलाफ राज्य के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का “अपमान” करने का आरोप लगाया है.
केरागोडु गांव में जनजीवन ठप है. सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पुलिस ने ध्वजस्तंभ के चारों ओर बैरिकेड लगाए हैं और कोई अप्रिय घटना न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. गांव की अधिकांश दुकानें या तो बंद हैं या फिर उन्हें बंद करने के लिए मजबूर किया गया है.
22 जनवरी का हुई थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. उसके एक हफ्ते से भी कम वक्त में ही कर्नाटक में हनुमान ध्वज हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान थे. समारोह के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, “भगवान राम आ गए हैं.” इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने “मंदिर निर्माण में देरी के लिए भगवान राम से क्षमा मांगी”.
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