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The HindkeshariOpinion Poll: कांग्रेस का हाथ या BJP का साथ… क्या चाहती है राजस्थान की जनता?

दूसरी ओर, विपक्ष की बेंचों में बैठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी एन्टी-इन्कम्बेन्सी (सत्ता विरोधी लहर) और दशकों से चली आ रही परंपरा के बूते गद्दी मिलने की उम्मीद पाले बैठी है. बीजेपी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकती नज़र आ रही है.

अब राजस्थान में किसे बहुमत हासिल होगा? किसे विपक्ष की सीटों पर बैठना होगा? यह तो 3 दिसंबर को ही तय हो सकेगा, लेकिन उससे पहले यह जानना काफी जरूरी हो जाता है कि मतदाता क्या चाहते हैं. The Hindkeshariने CSDS-Lokniti के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें दर्जनों सवाल मतदाताओं से किए गए. उनके जवाब लेकर हम आपके सामने आए हैं.

71 फीसदी जनता गहलोत सरकार से संतुष्ट

सबसे अहम सवाल यही था कि राजस्थान की जनता गहलोत सरकार के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसका जवाब भी काफी दिलचस्प है, क्योंकि राजस्थान के सिर्फ 14 फीसदी मतदाता ही अशोक गहलोत सरकार से पूरी तरह असंतुष्ट हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता की सरकार से पूरी तरह संतुष्ट मतदाताओं का प्रतिशत 43 रहा, जबकि कुछ हद तक संतुष्ट मतदाता 28 फीसदी रहे. 71 फीसदी मतदाताओं को मोटे तौर पर गहलोत सरकार से कोई शिकायत नहीं है. कांग्रेस की सरकार से 10 फीसदी मतदाता कुछ हद तक असंतुष्ट भी हैं.

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केंद्र सरकार से संतुष्ट मतदाता भी बहुत ज़्यादा

सर्वे का दूसरा अहम सवाल केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ा था. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं, तो राज्य की आधे से ज़्यादा आबादी यानी 55 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं. कुछ हद तक संतुष्ट उत्तरदाताओं की तादाद 24 फीसदी रही. मोटे तौर पर राजस्थान के 79 फीसदी मतदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है. इसके विपरीत, मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट जनता का प्रतिशत 8 रहा. पूरी तरह असंतुष्ट जनता सिर्फ 7 फीसदी रही.

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गहलोत या मोदी… किसके चेहरा देखकर करेंगे वोट? 

NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में राजस्थान की जनता से यह भी पूछा गया था कि आप अशोक गहलोत या नरेंद्र मोदी, किसका चेहरा देखकर वोट करेंगे, तो इसके जवाब में 37 फीसदी उत्तरदाता PM मोदी के साथ दिखे. 32 फीसदी लोग CM के साथ थे. 20 फीसदी उत्तरदाता ऐसे भी रहे, जिन्होंने कहा कि वे दोनों नेताओं को देखकर और फिर सोच-समझकर वोट करेंगे. ऐसे ही लोगों से इसी से जुड़ा दूसरा सवाल किया गया था कि उनके लिए वोट देते वक्त सबसे अहम पार्टी होती है या उम्मीदवार. तो जवाब में 31 फीसदी लोगों ने पार्टी देखकर वोट देने की बात कही, जबकि 30 फीसदी लोग उम्मीदवार को देखकर वोट देने की बात करते नज़र आए.

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कौन-सी जाति के मतदाता किसके साथ?

सर्वे का एक अहम पहलू यह जानना भी रहा कि राजस्थान में किस जाति के मतदाता किस पार्टी को वोट देने के पक्ष में हैं. सूबे में खासी तादाद में मौजूद राजपूत मतदाताओं में से 55 फीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही. कांग्रेस के पक्ष में 33 फीसदी राजपूत नज़र आए. राज्य की दलित आबादी में वोटों का बंटवारा काफी करीबी होता दिख रहा है. 46 फीसदी दलित मतदाता कांग्रेस के साथ जाते दिखे, तो 44 फीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही. 

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जाट मतदाता पांच साल की सरकार का कामकाज देखने के बाद भी कांग्रेस के पक्ष में दिखे. BJP के पक्ष में वोट देने की बात करने वाले 34 फीसदी लोगों के मुकाबले 42 फीसदी ने सर्वे में कांग्रेस का साथ देने की बात कही. इनके अलावा, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और आदिवासी मतदाता BJP के पक्ष में झुकते नज़र आए. 

45 फीसदी OBC मतदाता BJP के साथ हैं, जबकि कांग्रेस का साथ देने के लिए सिर्फ 35 फीसदी OBC तैयार हैं. आदिवासियों में से 48 फीसदी को ‘कमल’ वाली पार्टी पसंद है, जबकि 36 फीसदी जनजातीय वोट ‘पंजे’ का साथ देने को तैयार हैं.

अल्पसंख्यक कांग्रेस के साथ

रही बात अल्पसंख्यकों की, तो यहां पलड़ा साफ-साफ कांग्रेस का ही भारी रहा. सर्वे में शामिल हुए मुस्लिम मतदाताओं में से 86 फ़ीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया, जबकि BJP का साथ सिर्फ 9 फीसदी मुस्लिम उत्तरदाताओं ने दिया.

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महिलाएं और युवा हैं BJP के साथ

सर्वे में शिरकत करने वाली महिलाओं में से 45 प्रतिशत ने BJP को वोट देने की बात कही. कांग्रेस को वोट देने वाली महिलाओं की तादाद 39 फीसदी रही. पुरुष मतदाताओं में से 43 फीसदी ने BJP और 41 फीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया. युवावर्ग के उत्तरदाताओं में से भी कांग्रेस का साथ देने वाले 35 फीसदी मतदाताओं की तुलना में 45 फीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही.

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बेरोजगारी ही है सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा

NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे का एक अहम सवाल यह भी था कि राजस्थान के वोटरों के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या था. इसके जवाब में 21 फीसदी ने बेरोजगारी और 20 फीसदी ने महंगाई को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया. 15 प्रतिशत ने गरीबी, 13 प्रतिशत ने विकास, सात फीसदी ने भ्रष्टाचार और 21 फीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों को सबसे अहम मुद्दा बताया.

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राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर में एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा. चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे सूबे की 30 सीटों पर 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया. इसका सैम्पल साइज़ 3,032 था.

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