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नीतीश कुमार के NDA में जाने से बिहार विधानसभा में बदल गया सीटों का गणित

पटना :

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है और जेदयू ने लोकसभा चुनाव को लेकर अपने पत्‍ते खोल दिये हैं. नीतीश कुमार के इस्तीफा देने से उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) का राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ दो साल का गठबंधन खत्म हो गया है. नीतीश कुमार के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन में लौट रहे हैं, जिसने पहले ही जद (यू) नेता के लिए समर्थन पत्र एकत्र कर लिया है. सुनने में यह भी आ रहा है कि भाजपा और जदयू ने तीन महीने के भीतर होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के समझौते को भी अंतिम रूप दे दिया है.

नीतीश की JDU के पास हैं सिर्फ 45 सीटें

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नीतीश कुमार ने 2022 में बीजेपी से नाता तोड़कर और लालू यादव की राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ ‘महागठबंधन’ में सरकार बनाई.  243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद वर्तमान में 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन राजद भी बहुमत के आंकड़े- 122 से 43 सीटें पीछे है. 78 विधायकों की संख्या के साथ भाजपा विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.

बिहार विधानसभा सीटों का गणित

  • राजद- 79 विधायक
  • बीजेपी- 78 विधायक
  • जद(यू)-45
  • कांग्रेस – 19
  • सीपीआई (एम-एल) – 12
  • हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) – 4
  • सीपीआई-2
  • सीपीआई (एम) – 2
  • एआईएमआईएम – 1
  • निर्दलीय विधायक- 1

क्या अब बिहार में JDU-BJP बना सकती है सरकार?

इस सवाल का जवाब है, हां… जी, अगर नीतीश कुमार और भाजपा हाथ मिलाते हैं, तो इनके पास 123 विधायक हो जाएंगे, जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक आधे रास्ते से एक अधिक है. भाजपा को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का भी समर्थन प्राप्त है, जो 4 और विधायकों को अपने साथ ला रहा है, जिससे गठबंधन के लिए बहुमत साबित करना आसान हो गया है. बीजेपी सूत्रों ने The Hindkeshariको बताया है कि राज्य में पार्टी के सभी विधायक पहले ही नीतीश कुमार को समर्थन पत्र दे चुके हैं.

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अब ‘महागठबंधन’ का क्या होगा?

जद (यू) सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग हो गया है, तो उसके पास बहुमत के आंकड़े से आठ विधायक कम हो गए हैं. राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने हालांकि, संकेत दिया है कि वे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. लेकिन इस दावे में कुछ दम नजर नहीं आ रहा है. दरअसल, कांग्रेस और वाम दलों के समर्थन से गठबंधन के पास सिर्फ 114 विधायक होंगे,  जो बहुमत से आठ कम है.

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