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एकमात्र रोटी कमाने वाला था… : असम में कोयला खदान में फंसे मजदूर के परिजनों का छलका दर्द

असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो स्थित 300 फीट गहरी कोयला खदान में 8 मजदूर करीब 4 दिनों से फंसे हुए हैं. इस हादसे में एक मजदूर की लाश बरामद हो चुकी है. बाकी मजदूरों के परिजन अपनों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. मजदूरों के परिवारों में चिंता का माहौल है और उन्हें किसी अनहोनी का डर सताने लगा है.

कोयला खदान में मजदूरों का गरीब परिवार प्रियजनों के बारे में किसी प्रकार की खबर का इंतजार कर रहे हैं. 27 वर्षीय लिजान ने खदान में जाने से पहले अपनी पत्नी से बात की थी. उसकी पत्नी जुनू तब से अपने पति के बारे में कुछ नहीं सुन पाई है. अब वह इस बात को लेकर चिंतित है कि उनके 2 साल के बच्चे का क्या होगा? क्योंकि वह परिवार का एकमात्र रोटी कमाने वाला था और अब वह लापता है.

जुनू ने कहा कि जाने से पहले उन्होंने दोपहर करीब 1 बजे मुझसे बात की. अब हमें कुछ नहीं पता, हमारा क्या होगा? हमारे दो साल के बच्चे का क्या होगा. लिजान मगर असम खदान क्षेत्र में पले-बढ़े थे और युवावस्था में उन्होंने कोयला काटना अपना पेशा बना लिया था.

जुनू के पिता कृष्ण प्रधान ने The Hindkeshariको बताया कि पहले मैंने भी कोयला खदानों में काम किया है. लेकिन अब उन्होंने बहुत गहराई तक खुदाई कर दी है. इसलिए यह हुआ है. मेरी बेटी का एक बच्चा है. उनका क्या होगा? सरकार को इसके बारे में कुछ करना चाहिए.

उन्होंने आगे दुख जताते हुए कहा कि असम के कैबिनेट मंत्री दुर्घटना स्थल पर हैं. शीर्ष अधिकारी आ रहे हैं, लेकिन कोई भी पीड़ित परिवारों से मिलने या उन्हें सांत्वना देने के लिए आगे नहीं आया है.

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कृष्णा ने कहा कि हम यहां कई परिवारों का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन न तो हमें मंत्रियों, शीर्ष अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई है और न ही सरकार ने अब तक कोई सहायता प्रदान की है. यहां तक ​​कि वे सांत्वना देने भी नहीं आए.

कब और कैसे हुआ हादसा?
दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में स्थित रैट माइनर्स की 300 फीट गहरी कोयला खदान में 6 जनवरी को 9 मजदूर कोयला निकाल रहे थे, तभी खदान में पानी भरने लगा और वे फंस गए. 7 जनवरी को भारतीय सेना और नेवी की टीम रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंची, और नेवी के गोताखोर खदान के अंदर गए. 8 जनवरी को एक मजदूर का शव निकाला गया, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नेवी का रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) भी फेल हो गया. 9 जनवरी को रेस्क्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया है, जिसमें अब मोटर से पानी निकाला जा रहा है और इसके बाद मैन्युअल सर्च ऑपरेशन किया जाएगा. पुलिस ने बुधवार को खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लिया.
 


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