देश

ये मेरठ, संभल नहीं दिल्‍ली… खुले में नमाज पढ़ने पर उठे विवाद पर बोले AIMIM दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमई


नई दिल्ली:

ईद और रमजान के आखिरी शुक्रवार की नमाज से पहले, मेरठ पुलिस ने सड़कों पर नमाज अदा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि उल्लंघन करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नियम तोड़ने पर पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं. अब इस पर AIMIM के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा कि ये मेरठ और संभल नहीं हैं. ये दिल्ली है और यहां हर हाल में नमाज़ होगी. घर में, मस्जिद पर, छत पर और सड़क पर भी. अगर भंडारा और कांवड सड़क पर हो सकती है तो नमाज़ क्यों नहीं?

शोएब जमई ने कहा कि जो बयानबाजी कर रहे हैं. उन्हें मालूम होना चाहिए कि ये दिल्ली है, मेरठ या संभल नहीं. ईद भी मनाई जाएगी और लोग भी साथ देंगे. अगर मस्जिद में जगह कम पड़ेगी तो सड़क पर भी नमाज होगी, ईदगाह में भी होगी, घर की छतों पर भी होगी. जब भंडारे के लिए रास्ता रोक सकते हैं, धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आप सड़कें रोक सकते हैं. कांवड के लिए हाईवे को जाम कर सकते हैं. नमाज के लिए व्यवस्था नहीं कर सकते. दिल्ली के सीएम से कहना चाहूंगा कि अपने बड़बोले नेताओं को कहिए कि दिल्ली का माहौल ना खराब करें. दिल्ली की जनता सब देख रही है. ये जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है. जब आप अपने धार्मिक अनुष्ठान कर सकते हैं तो मुसलमान क्यों नहीं. देश संविधान से चलेगा.

ये भी पढ़ें : सड़क पर ‘अलविदा’ की नमाज को अलविदा! टॉप 5 प्वॉइंट में जानिए दिल्ली से संभल तक का पूरा अपेडट

यह भी पढ़ें :-  लोकसभा में आज वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश होगा, जानिए पुराने कानून में क्या-क्या हो रहे हैं बदलाव

मेरठ पुलिस के फरमान से मुस्लिम धर्मगुरु नाराज

मेरठ की पुलिस ने तो ये फरमान जारी कर दिया है कि सड़क पर नमाज करने और कराने वालों के पासपोर्ट भी रद्द कर दिए जाएंगे और हथियारों के लाइसेंस भी. मेरठ पुलिस के इस फरमान जैसे रुख पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नाराजगी जताई है. जैसे जैसे रमजान का महीना पूरा हों रहा है और ईद नज़दीक आ रही है, वैसे वैसे नमाज़ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. मेरठ पुलिस का एक फ़रमान आया है जिसमें हिदायत देकर सड़कों पर नमाज़ ना पढ़ने को कहा गया है. लेकिन ये फ़रमान उलेमाओं और मौलानाओं को रास नहीं आ रहा है.

क्या है पुलिस का फ़रमान, पहले वो सुनिए

मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि ईद के लिए सभी धर्मगुरुओं से अपील की है कि लोग अपने आसपास की मस्जिद में नमाज पढ़े, ईदगाह में पढ़नी है तो समय से आ जाएं, किसी भी सूरत ए हाल में रोड पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. पिछले साल भी केस दर्ज किया था. यदि किसी पर केस दर्ज होता है तो पासपोर्ट और लाइसेंस (आर्म) रद्द किए जा सकते हैं. पुलिस के इसी सख्त फरमान पर उलेमा नाराज़ हैं. जमीयत दावत-उल-मसलमान के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा और प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा इसहाक गोरा ने प्रतिक्रिया दी.

ये भी पढ़ें : सड़क या छत पर नमाज पढ़ने पर होगी कार्रवाई, संभल में अलविदा की नमाज से पहले प्रशासन मुस्तैद

रमजान और हर ईद पर नया विवाद खड़ा करना ठीक नहीं

उन्होंने कहा कि हर रमजान और हर ईद पर नया विवाद खड़ा करना ठीक नहीं है. एसपी के बयान में इस्तेमाल किए गए शब्द बहुत सख्त और अहंकारी लग रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे सिर्फ नमाज पढ़ना इतना बड़ा अपराध बना दिया गया है कि उसके लिए पासपोर्ट रद्द करने की बात कही जा रही है. मेरठ के पुलिस प्रशासन ने जिले की ऐसी मस्जिदों को चिन्हित किया है, जहां पूर्व में सड़कों पर नमाज पढ़ी जाती थी और जुम्मा अलविदा से एक दिन पहले ही इन मस्जिदों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. साथ ही शासन के द्वारा मेरठ को आरएएफ और पीएसी फोर्स भी उपलब्ध कराई जा रही है. पिछले साल एक सड़क पर नमाज के आयोजन में 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें से 80 लोगों की पहचान भी कर ली गई थी.

यह भी पढ़ें :-  ' ये तेरा घर, ये मेरा घर ' प्रदीप से लेकर लॉर्ड डेनिंग तक, 44 दिनों की मशक्कत; ऐसे आया बुलडोजर जस्टिस फैसला


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button