अहंकार की राजनीति के खिलाफ है ये जनादेश… सचिन पायलट ने बताया चुनाव में कैसे मजबूत हुए कांग्रेस के हाथ?
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections Result 2024) के नतीजे साफ हो चुके हैं. केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में NDA की सरकार बनने जा रही है. हालांकि, BJP अकेले बहुमत के आंकड़े 272 सीटों से दूर रही है. NDA को 292 सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाले INDIA अलायंस को 234 सीटें मिली हैं. INDIA अलायंस की इस जीत पर सचिन पायलट ने प्रतिक्रिया दी है. पायलट ने कहा कि अहंकार की राजनीति को जनता ने नकार दिया है.
सचिन पायलट ने चुनाव के नतीजों पर कहा, “ये जनादेश साफ तौर पर सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ है. 400 पार के दावे किए गए थे. सारे दावे धराशाही हो गए. ये क्लीयर मेंडेट है. ये जनता का मैसेज है कि जिस तरह की राजनीति केंद्र ने की, BJP ने अहंकार का जो रवैया अपनाया. अहम को आगे रखा. प्रतिशोध और आक्रमण का रवैया अपनाया. उसका लोगों ने विरोध किया. BJP के इस अहंकार को जनता ने अपने जनादेश से नकार दिया है. इस चुनाव में कांग्रेस का संख्याबल और स्ट्राइक रेट बेहतर हुआ है. आने वाले समय में इसको बेहतर बनाने का मौका मिलेगा.”
BJP को नहीं मिला पूर्ण बहुमत, अब PM मोदी के सामने 5 साल में कौन से 5 बड़े चैलेंज?
राजस्थान में कैसे रहा कांग्रेस का प्रदर्शन?
कांग्रेस ने राजस्थान में भी शानदार प्रदर्शन किया है. यहां कि 25 सीटों में से BJP को 14, कांग्रेस को 8 सीटें मिली हैं. 3 सीटें अन्य के खाते में गई हैं. कांग्रेस की जीत के ‘हीरो’ के रूप में सचिन पायलट भी सामने आए हैं.
कांग्रेस की 8 सीटों में से 5 पर पायलट के समर्थक
कांग्रेस की 8 सीटों पर हुई जीत में सचिन पायलट के 5 समर्थक हैं. इन पांचों ने सचिन पायलट के साथ जमकर संघर्ष किया. हालांकि, पायलट के एक खास समर्थक प्रत्याशी अनिल चोपड़ा को बेहद कम मतों से हार मिली है. दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर, श्रीगंगानगर, झुंझुनू , धौलपुर-करौली, भरतपुर सीट पर सचिन पायलट के समर्थकों को कांग्रेस ने टिकट दिया था.
केंद्र में NDA की सरकार बनने से पहले आखिर पीएम मोदी से क्या मांग रहे हैं चंद्रबाबू नायडू
राजस्थान में BJP से बेहतर है कांग्रेस
पिछले इलेक्शन में BJP ने 25 में से 25 सीटें जीती थीं. इस बार सिर्फ 14 सीटें मिलीं. सचिन पायलट ने कहा, “BJP राजस्थान में दावे करते थे, लेकिन हमको पता था कि वहां स्थिति कुछ और है. राजस्थान में हम BJP से बेहतर थे. डबल इंजन राजस्थान और यूपी में फेल हुआ है. राजस्थान में BJP की सरकार बने 5-6 महीने हुए हैं. अभी से लोगों का मोह भंग हुआ है.”
पायलट ने कहा, “राजस्थान में हमारे सारे नेताओं ने प्रचार किया. INDIA गठबंधन तब मजबूत होगा, जब कांग्रेस मजबूत होगी. हमने एक गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा है. ऐसे में जो भी फैसले लेने हैं, सबकी सहमति से लिए जाएंगे.”
बताया कैसे मजबूत हुए कांग्रेस के हाथ?
सचिन पायलट ने इस दौरान बताया कि राजस्थान में कांग्रेस के हाथ कैसे मजबूत हुए. उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रणनीति बनाई. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने रास्ता बनाया. उन्होंने लोगों से बात की. लोगों से जमीनी स्तर पर जुड़ें. राहुल की दोनों यात्राओं से भरपूर रिस्पॉन्स मिला. कांग्रेस जमीनी स्तर पर जाकर काम करती है. दूसरी ओर, BJP वाले हवा में बात करते हैं. जिसका नतीजा सामने है.”
भगवान जगन्नाथ ने BJP का करा दिया बेड़ा पार, भविष्यवाणी हुई सच
छत्तीसगढ़, एमपी में संगठन को मजबूत करने की जरूरत
सचिन पायलट ने इस बीच छत्तीसगढ़ पर भी बात की. उन्होंने कहा, “यहां 11 सीटें हैं. पिछले इलेक्शन में हमने 2 सीटें जीती थीं. इस बार एक ही सीट जीत पाए हैं. एक सीट पर हम महज 1800 वोटों के मार्जिन से हारे हैं. हमें छत्तीसगढ़ में बेहतर करने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमें ओडिशा, छत्तीसगढ़ और एमपी में संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. उम्मीद है कि आने वाले समय में बेहतर रिजल्ट लेकर आएंगे. 2019 के चुनावों में 3 लाख 4 लाख का अंतर था. अब अंतर घट कर 50 हज़ार से एक लाख तक आया है. जहां-जहां हम नहीं जीते हैं, वहां अगली बार और मेहनत करेंगे.”
कोई पार्टी एक चेहरे पर नहीं रह सकती निर्भर
इस दौरान पायलट ने कहा, “कोई भी राष्ट्रीय पार्टी एक नेता पर निर्भर नहीं करती है. राज्य में सभी लोगों का योगदान होता है. हर नेता ने अपनी भूमिका निभाई है. अगर कोई कहे कि उसकी वजह से या उसके दम पर जीत मिली है, तो ये सरासर गलत है. सब का योगदान और समर्थन मिलता है, तभी पार्टी कामयाब होती है. कांग्रेस ने इसी धारणा के साथ काम किया.”
हर कोई अपना रास्ता चुनने को आजाद
सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व नेताओं पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “मेरे कई दोस्त थे. कैप्टन अमरिंदर सिंह, गुलाम नबी आजाद, अशोक चौहान. लेकिन समय के साथ-साथ अपने अलग रास्ता चुना. हर कोई अपना रास्ता चुनने को आजाद है. फैसले लेने को स्वतंत्र है. वक्त बताता है कि फैसला सही था या नहीं.”
दिल्ली-NCR में BJP को 10/10 पर, टेंशन भी देंगी ये 4 बातें