अबकी बार 3 करोड़ पार! भारत में बनेंगे पिछले साल से दोगुने आइफोन

नई दिल्ली:
भारत में इस साल आईफोन उत्पादन में बड़ी छलांग लगने वाली है. ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन ने 2025 में भारत में 25 से 30 मिलियन (2.5 से 3 करोड़) आईफोन बनाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले साल के 12 मिलियन की तुलना में दोगुना से भी अधिक है. यह कदम एप्पल की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह अपने उत्पादन को चीन से बाहर भी विविधता देने की तैयारी में है.
फॉक्सकॉन ने पिछले साल भारत में लगभग 12 मिलियन आईफोन असेंबल किए थे. इस साल बेंगलुरु में नई सुविधा के तेजी से तैयार होने के साथ कंपनी ने अपनी महत्वाकांक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन-चार महीनों से बेंगलुरु परिसर में सीमित ट्रायल रन चल रहे हैं, जो भारत में फॉक्सकॉन के विस्तार की गति को दर्शाते हैं. एक सूत्र ने बताया कि ट्रायल रन पहला चरण है, जिसमें यह जांचा जाता है कि प्लांट एप्पल के कड़े गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हुए बड़े पैमाने पर फोन बना सकता है या नहीं. इसके सफल होने पर ही ‘रेवेन्यू बिल्ड’ चरण शुरू होगा, जिसमें फोन शिपमेंट के लिए तैयार होंगे.
इसके बावजूद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियां इस योजना पर असर डाल सकती हैं. विश्लेषकों का मानना है कि इन धमकियों का परिणाम फॉक्सकॉन और एप्पल की रणनीति पर निर्भर करेगा. ताइपे की इसायाह रिसर्च की वरिष्ठ विश्लेषक लोरी चांग ने कहा कि फॉक्सकॉन, एप्पल के नेतृत्व में, इस साल भारत में उत्पादन को काफी हद तक बढ़ाने की संभावना रखता है. हमारा अनुमान है कि भारत में बनने वाले आईफोन की हिस्सेदारी पिछले साल के 12-16% से बढ़कर 21-25% हो जाएगी.
फॉक्सकॉन की भारत में बढ़ती मौजूदगी एप्पल के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है. चेन्नई के पास श्रीपेरुम्बुदूर में मौजूदा बड़े पैमाने के संचालन के अलावा, बेंगलुरु में 300 एकड़ का कैंपस तैयार हो रहा है, जो चीन के बाद फॉक्सकॉन का दूसरा सबसे बड़ा प्लांट होगा. इसके साथ ही हैदराबाद में एयरपॉड्स बनाने वाली नई इकाई भी शुरू की गई है.
फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने पिछले साल अगस्त में भारत दौरे पर कहा था कि हम भारत में मूल्य श्रृंखला को ऊपर ले जाना चाहते हैं. कंपनी स्मार्टफोन से आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक वाहन, डिजिटल स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी कदम रखने की योजना बना रही है. इसके अलावा, एचसीएल ग्रुप के साथ 37.2 मिलियन डॉलर के निवेश से चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग सुविधा स्थापित करने की घोषणा ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी नई उम्मीद जगाई है.