इस साल सैलरी में अच्छा इंक्रिमेंट किनको दर्द, 'टैक्स छूट' की गुगली समझिए
नई दिल्ली:
बजट ने सैलरीवालों की जिंदगी में बसंत बहार ला दी है. नई रिजीम चुनने पर 12 लाख की इनकम पर टैक्स जीरो है. लेकिन लाखों ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो रातभर बैठकर हिसाब लगाते रहे. फायदा नहीं, ‘नुकसान’ का. उनके दिल से आह निकल रही है. दरअसल 12 लाख की इनकम पर टैक्स छूट पर मिलने वाली 80 हजार की बंपर राहत उनके हाथ से फिसल रही है. मसला यह है कि यह वक्त अप्रेजल का है. 1 अप्रैल से इंक्रिमेंट लागू होगा और 1 अप्रैल यह यह टैक्स छूट वाली राहत भी. तो ऐसे कर्मचारी जिनकी इनकम 12 लाख के करीब है, उनको जोर का झटका धीरे से लगेगा. इंक्रिमेंट में की अच्छी-खासी बढ़त टैक्स में कट जाएगी. तो उनके मन में यही निकल रहा होगा, हे बॉस इस बार मेरा इंक्रिमेंट कुछ कम ही कीजो. जरा राहुल के उदाहरण से समझते हैं.
बजट वाली टैक्स छूट क्या है
12 लाख रुपये की इनकम पर टैक्स जीरो है. इसमें अलग 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिला दें तो कुल 12 लाख 75 हजार की इनकम टैक्स फ्री हुई. मान लीजिए राहुल की सैलरी 12.75 हजार है. इस बार 10 पर्सेंट के करीब इंक्रिमेंट मिला तो फिर सैलरी 14 लाख हो जाती है. तो राहुल साहब टैक्स छूट के 12 लाख 75 हजार के दायरे से बाहर निकल जाएंगे. इनकम टैक्स विभाग 82 हजार के करीब उनका टैक्स काटेगा और सवा 13 लाख के करीब उनके हाथ आएंगे. मतलब अगर इंक्रिमेंट नहीं हुआ होता, तो हाथ में पूरे 12 लाख 75 हजार आते. इंक्रिमेंट में करीब सवा 1 लाख बढ़े, लेकिन मोटा-मोटा कट-कटाकर हाथ आए 13 लाख यानी 30-35 हजार का फयादा. ऐसे में इंक्रिमेंट का मजा फीका होना तय.
एक स्थिति यह भी लेते हैं कि अगर राहुल के बॉस उनकी परफॉर्मेंस से कुछ ज्यादा ही खुश हैं और उनका इंक्रिमेंट मान लीजिए 20 पर्सेंट हो गया तो उनकी सैलरी करीब 15.3 लाख हो जाएगी. ऐसे भी मोटा-मोटा एक लाख के करीब टैक्स कटेगा. साढ़े 14 लाख कट-कटाकर हाथ में आएंगे. तो राहुल को फायदा तो होगा, लेकिन 20 पर्सेंट वाला इंक्रिमेंट भी मीठा मीठा दर्द देगा.
मिडिल क्लास को मिली राहत
बता दें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स स्लैब की घोषणा करते हुए कहा कि अब 12.75 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. टैक्स स्लैब में हुए इस बड़े बदलाव के बाद 0 से 12 लाख तक जीरो टैक्स हो गया है, लेकिन अगर कमाई 13 लाख रुपये होती है, तो फिर 16 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी के टैक्स स्लैब में आ जाएंगे. इसके मुताबिक 4-8 लाख रुपये तक पर 5 फीसदी, 8-10 लाख रुपये तक पर 10 फीसदी, 12-16 लाख पर 15 फीसदी, 16-20 लाख पर 20 फीसदी, 20-24 लाख पर 25 फीसदी और 24 लाख से अधिक कमाई पर 30 फीसदी तक का टैक्स भरना होगा.
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