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दिल्ली चुनाव में Exit Polls कितने फेल और कितने पास? बीते 3 इलेक्शन डेटा से समझिए


नई दिल्ली:

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर बुधवार को वोटिंग जारी है. वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे तक चलेगी. इस बार AAP चौथी बार सत्ता हासिल करने के लिए जोर लगा रही है. BJP को भी 27 साल बाद वापसी की उम्मीद कर रही है. दूसरी ओर कांग्रेस भी अपने हाथ मजबूत करने की कोशिश में लगी है. दिल्ली की सत्ता किसे मिलेगी, ये तो 8 फरवरी को पता चलेगा. लेकिन उससे पहले वोटिंग खत्म होने के बाद शाम 6:30 बजे तमाम न्यूज चैनलों और एजेंसियों के एग्जिट पोल के नतीजे आने लगेंगे. इससे दिल्ली चुनाव के रिजल्ट को लेकर एक मोटा-मोटा आइडिया हो जाएगा. हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सही नहीं होते. कई बार चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल के अनुमानों से एकदम उलट आते हैं. 2024 में हुए लोकसभा चुनावों और हरियाणा-झारखंड के चुनाव में ऐसा ही हुआ था.

2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) की शुरुआत के बाद से एग्जिट पोल और सर्वे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की पहुंच को भांपने में फेल रहे हैं. जबकि 2013 में एग्जिट पोल ने दिल्ली में हंग असेंबली का अनुमान जताया था, जो बिल्कुल सही साबित हुए थे. फिर 2015 और 2020 के चुनाव में तमाम एग्जिट पोल ने AAP और BJP के बीच बहुत करीबी मुकाबले की भविष्यवाणी की थी. लेकिन इन दोनों चुनावों में AAP ने जबदस्त बहुमत हासिल किया था.

आइए जानते हैं कि दिल्ली में 2013, 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के अनुमान क्या थे. ये अनुमान वास्तविक नतीजे से कितने अलग साबित हुए थे:-

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2020 के एग्जिट पोल के अनुमान
-2020 में दिल्ली की जनता ने विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोट डाला था. चुनाव के बाद जो एग्जिट पोल जारी किए गए थे, उनमें करीब सभी एजेंसियों ने AAP को बहुमत मिलता दिखाया था.
-Axis My India ने AAP को सबसे ज्यादा 59-68 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. 
-Jan Ki Baat, NewsX-Neta और India News Nation ने AAP को 55 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की थी.
-Times Now ने AAP को 47 सीटें और BJP को 23 सीटें दी थीं.

रिजल्ट क्या आया?
-जब नतीजे सामने आए, तो आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की. पार्टी के वोट शेयर में 0.73% की मामूली गिरावट दर्ज की गई.
– वहीं, BJP के वोट प्रतिशत 6.21% का उछाल आया. हालांकि, इसके बावजूद BJP को सिर्फ 8 सीटें ही मिलीं. -दूसरी तरफ कांग्रेस का वोट शेयर 4.26% तक ही रहा. पार्टी ने 2013 और 2015 के बाद एक बार फिर वोट प्रतिशत में गिरावट दर्ज की. कांग्रेस को 2020 के विधानसभा चुनाव में कोई सीट नहीं मिली.

2015 के एग्जिट पोल के अनुमान
-2015 के चुनाव में दिल्ली की जनता ने 7 फरवरी को वोट डाला. चुनाव के बाद करीब-करीब सभी एग्जिट पोल ज्यादातर एग्जिट पोल AAP और BJP के बीच कांटे की टक्कर बता रहे थे. 
-C-Voter ने AAP को 31-39 सीटें, BJP को 27-35 सीटें और कांग्रेस को 2-4 सीटें दी थीं. 
-ABP-Neilsen ने AAP को 39 सीटें और BJP को 28 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था. 
-Today’s Chanakya ने AAP को 44 और BJP को 22 सीटें दी थीं.

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रिजल्ट क्या आया?
-जब नतीजे आए तो अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में AAP ने प्रचंड बहुमत हासिल कर नया इतिहास रचा. उसने 70 में से 67 सीटें जीती.
-BJP को 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा. इस बार भी कांग्रेस के हाथ खाली रहे.
-2013 में AAP को 30% वोट मिले थे, जो 2015 में बढ़कर 54% हो गया.

2013 के एग्जिट पोल के अनुमान
-2013 में दिल्ली में 4 दिसंबर को मतदान कराया गया था. इसके नतीजे 8 दिसंबर को जारी किए गए थे. 
-ज्यादातर एग्जिट पोल में BJP को सबसे बड़ी पार्टी बताया गया था. दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे नंबर पर AAP को रखा गया था. कुछ एग्जिट पोल में BJP को बहुमत मिलने का भी अनुमान लगाया गया था.
-Headlines-Today ORG ने BJP के लिए 41, AAP के लिए 6 और कांग्रेस के लिए 20 सीटों का अनुमान लगाया था. 3 सीटें अन्य को दी गई थीं. ABP-Neilson ने BJP को 37, AAP को 15 और कांग्रेस के लिए 16 सीटों का अनुमान जताया था.
– CVoter ने BJP को 31, AAP को 15 और कांग्रेस को 20 सीटें मिलने का पू्र्वानुमान जताया था.
-Today’s Chanakya ने BJP के लिए 29, कांग्रेस के लिए 10 और AAP के लिए 31 सीटों का अनुमान जताया था.

रिजल्ट क्या आया?
-जब नतीजे आए तो किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला. BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. नतीजों में आम आदमी पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए दूसरा स्थान हासिल किया और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. BJP को 32 सीटें मिली. AAP को 28 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस के हाथ में 8 सीटें गई थीं.

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दिल्ली में BJP और कांग्रेस का प्रदर्शन?
BJP ने आखिरी बार दिल्ली में 1993 में सरकार बनाई थी. BJP ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. भगवा पार्टी को 49, कांग्रेस को 14, जनत दल को 4 और निर्दलियों को 3 सीटें मिलीं. इसके बाद 1998 में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने जीत हासिल की. कांग्रेस को 52, BJP को 15, जनता दल को 1 और निर्दलीयों को 2 सीटें मिलीं.
2003 और 2008 में भी शीला दीक्षित ने कांग्रेस को जीत दिलाई. 2013 के चुनाव में कांग्रेस को AAP ने दिल्ली की सत्ता से बेदखल कर दिया.


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