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यूपी के सीएम योगी ने महाकुम्भ की सटीक रिपोर्टिंग के लिए The Hindkeshariको दिया धन्यवाद


नई दिल्ली:

दुनिया के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ के महामैनेजमेंट और ग्लोबल ब्रैंडिंग पर आज The Hindkeshariका ‘महाकुम्भ संवाद’ हो रहा है. The Hindkeshariके इस संवाद में महाकुम्भ के महामैनेजमेंट से लेकर इस आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और भव्य आयोजन की अद्भुत यात्रा के हर पहलू पर चर्चा हो रही है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. उन्होंने The Hindkeshariकी पत्रकारिता की सराहना की है.

सीएम योगी ने महाकुम्भ संवाद में The Hindkeshariके एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से कहा, ‘ मैं आपका और आपकी पूरी टीम को महाकुम्भ के बारे में सटीक रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद देता हूं. The Hindkeshariके सभी दर्शकों का अभिनंदन करता हूं.’

जहां आस्था वहां सर्वांगिण विकास की आधारशिला – मुख्यमंत्री योगी

45 दिनों का यह महाकुंभ का आयोजन दुनिया के लिए अकल्पनीय और आने वाली पीढ़ियों के लिए अविश्वनीय है. अभी तक 12 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज की त्रिवेणी में डुबकी लगाकर पुण्य के भागीदार बने हैं.

सीएम योगी ने कई और महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी है.

दुनिया को भी हैरान कर रहा महाकुंभ का महाआयोजन – CM योगी

जिसकी समझ न हो उसके लिए मैं दोषी नहीं हूं. मैं पहले भी यही मानता था और आज भी मानता हूं कि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है. पंथ, संप्रदाय, जाति अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन धर्म एक है. वह सनातन धर्म है. कुंभ सनातन धर्म का एक पर्व है.

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अखिलेश के कुंभ में डुबकी लगाने पर बोले योगी – पुण्य कमाएंगे

सीएम योगी ने कहा कि 2013 में कुंभ पर सरकार की आस्था नहीं थी. वो 11 बजे सोकर उठते थे और 5 बजे महफ़िल में बैठ जाते थे, कुंभ की व्यवस्था कैसे करते.

कैसे कर डाला दुनिया को हैरान करने वाला महाकुंभ जैसा महाआयोजन

  • प्रयागराज में मेला क्षेत्र का विस्तार किया गया
  • ट्रैफिक, पार्किंग, श्रद्धालुओं को ज्यादा दूरी तय न करना पड़ा, इसका ध्यान रखा गया.
  • प्रयागराज सिटी का एक व्यवस्थित विकास की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया गया.
  • रेलवे और एयर कनेक्टिविटी का विकास किया गया.
  • हजारों वर्ष पहले मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद पुष्पक विमान से प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज का दर्शन करने उतरे थे, इन हजारों सालों में एक सिविल टर्मिनल यह देश प्रयागराज को नहीं दे सका. 2019 में पहली बार सिविल टर्मिनल प्रयागराज में बना.
  • प्रयागराज की करीब 150 से अधिक सड़के ऐसी थीं, जिनको सिंगल लेने से डबल और डबल लेन से फोर लेन में बदला गया
  • अंडरपास का कायाकल्प किया गया.
  • पहले शौचालय को बालू में धंसा दिया जाता था. पूरे मेले में दुर्गंध रहती थी. लेकिन इसे बदला गया.


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