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सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर संसद में हंगामा, लोकसभा से 14 सांसद शेष सत्र के लिए निलंबित

संसद की सुरक्षा में भारी चूक को लेकर विपक्षी सांसदों ने आज किया हंगामा

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को भारी हंगामा किया, जिसके कारण  14 सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. इनमें 9 कांग्रेस, 2 सीपीएम, 1 सीपीआई और 2 डीएमके के सांसद थे. इनमें कांग्रेस के टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस शामिल हैं. दरअसल, लोकसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. लोकसभा में ज़्यादातर विपक्षी सांसद स्पीकर की कुर्सी के पास पहुंच गए और हंगामा करने लगे. इस दौरान विपक्षी सांसद गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे. स्पीकर ने कहा कि लोकसभा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है और इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. विपक्षी सांसदों की मांग है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सदन में आएं और कार्यवाही में हिस्सा लें. 

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हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा : प्रह्लाज जोशी

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी.’उन्होंने कहा कि इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है. जोशी ने कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार मुद्दों पर कार्रवाई की जाती रही है. संसदीय कार्य मंत्री ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया.

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उन्होंने आसन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी. इसके बाद पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी. इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे जब सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने ‘गृहमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से हंगामा न करने का अनुरोध करते हुए कहा कि संसद परिसर की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय की जिम्मेदारी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद की सुरक्षा सरकार का नहीं, बल्कि ‘‘हमारा अधिकार क्षेत्र” है. बिरला ने कहा, ‘‘कल जो घटना घटी है उसे लेकर हम सब चिंतित हैं और संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की होती है… हमने संसद की सुरक्षा के मसले पर कल चर्चा की थी और आगे फिर चर्चा करेंगे. सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय की है.”

सब सावधान रहें, अराजकता करने वालों को पास न मिले : राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘गलत परिपाटी मत डालिए. पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसे लेकर फिर चर्चा करेंगे.” हंगामे के बीच सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी को सुरक्षा चूक के मामले की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सावधान रहने की जरूरत है..केवल सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के सदस्यों को भी ध्यान रखना चाहिए कि अराजकता पैदा करने वालों को ‘पास’ न मिले.” सिंह ने कहा कि पुराने संसद भवन में भी कागज फेंकने और दीर्घाओं से कूदने की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि सदन में हंगामे की स्थिति पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है. रक्षा मंत्री के बयान के बावजूद सदन में हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करवाया.

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लगभग 15 मिनट तक चले प्रश्नकाल के दौरान सरकार से कम से कम दो पूरक प्रश्न पूछे गए और संबंधित मंत्रियों ने उनका जवाब दिया. हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने करीब 11 बजकर 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर बुधवार को एक बड़ी सुरक्षा चूक की घटना में दो व्यक्ति- सागर शर्मा और मनोरंजन डी. शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस भी छोड़ी। बाद में सांसदों ने उन्हें काबू में किया.

(इनपुट भाषा से भी)

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