Jannah Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.
देश

भोजशाला में मिलीं ये टूटीं 39 मूर्तियां कौन सी हैं? ASI अदालत को 2 जुलाई को रिपोर्ट सौंपेगा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मध्य प्रदेश के धार जिले में 13वीं शताब्दी का स्मारक कहे जाने वाले भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पूरा कर चुकी है. इस सर्वेक्षण के दौरान मिली 1,700 कलाकृतियां में से 39 मूर्तियां टूटी हुईं मिली हैं. कलाकृतियां में कई मूर्तियों के अलावा संरचनाएं, स्तंभ, दीवारें और भित्ति चित्र शामिल हैं. TOI में सूत्रों के हवाले से छपी खबर के अनुसार मूर्तियों में वाग्देवी (सरस्वती), महिषासुर मर्दिनी, गणेश, कृष्ण, महादेव, ब्रह्मा और हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं. ये संपूर्ण सर्वेक्षण प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए और दोनों (हिंदी-मुस्लिम) पक्षों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई थी.

भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा, जो हिंदुओं के प्रतिनिधि के रूप में सर्वेक्षण के दौरान मौजूद रहे, उन्होंने दावा किया, ‘‘सर्वेक्षण के दौरान उसी स्थान पर पत्थर से बनी वासुकी नाग की मूर्ति मिली है, जहां से श्रीकृष्ण की मूर्ति मिली थी. परिसर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में उसी स्थान पर महादेव की मूर्ति और कलश समेत सनातन धर्म से जुड़े कुल नौ अवशेष मिले हैं. इन्हें एएसआई ने संरक्षित कर लिया है.

Latest and Breaking News on NDTV

हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ये मूर्तियां एक झोपड़ी से बरामद की गई थीं और इन्हें सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए. कमाल मौला वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने कहा कि मूर्तियां और पत्थर की वस्तुएं उत्तरी तरफ बनी झोपड़ीनुमा संरचना से निकल रही हैं, जहां पुरानी इमारत के हिस्से रखे हुए थे और इसे हटाने का काम किया जा रहा है.

Latest and Breaking News on NDTV

समद ने कहा, ‘‘इस बारे में संदेह है. हमारा सवाल है, जब झोपड़ी बनी, तो वहां सामग्री कहां से लाई गई? उसमें से निकलने वाली सामग्री को सर्वेक्षण में नहीं जोड़ा जाना चाहिए. यह हमारी पुरानी आपत्ति रही है कि जो चीजें बाद में हुईं, उन्हें सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.”

यह भी पढ़ें :-  गगनयान कार्यक्रम के लिए ISRO ने हासिल की महत्वपूर्ण उपलब्धि

क्या है पूरा विवाद

हिंदुओं का मानना ​​है कि भोजशाला वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है. जबकि मुस्लिम समुदाय का दावा है कि यह हमेशा से एक मस्जिद रही है. जब ये विवाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय पहुंचा, तो कोर्ट ने 11 मार्च को इसके ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ की अनुमति दी. और बाद में 29 अप्रैल को आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया था, जो गुरुवार को समाप्त हो गया.

Latest and Breaking News on NDTV

पिछले 98 दिनों तक इस स्थल की खुदाई करने वाली एएसआई को अपनी रिपोर्ट 2 जुलाई को उच्च न्यायालय को सौंपनी है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की गई है. क्या एएसआई को इस विशेष परिसर पर दो समुदायों के विवादास्पद दावों की जांच के लिए कुछ ठोस सबूत मिले हैं या वह सर्वेक्षण के लिए और समय की मांग करेगा? यह 4 जुलाई को स्पष्ट हो जाएगा.

Latest and Breaking News on NDTV

29 अप्रैल को पिछली सुनवाई में एमपी हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा था कि वह इसके लिए और समय नहीं देगी और एएसआई को 27 जून तक अपना सर्वेक्षण पूरा करने और 2 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है.

पूजा और नमाज की है अनुमति

Latest and Breaking News on NDTV

वर्तमान में, विवादास्पद परिसर एएसआई के संरक्षण में है और हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार को परिसर में वाग्देवी (सरस्वती) मंदिर में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को प्रत्येक शुक्रवार को परिसर के एक तरफ स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति है.

ये भी पढ़ें- देश के इन हिस्सों में अगले 5 दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी, जानें आपके प्रदेश का कैसा रहेगा हाल

यह भी पढ़ें :-  वैश्विक पटल पर देश की डिजिटल क्रांति की हो रही तारीफ : कीर्तिवर्धन सिंह

Video : India Wins T20 World Cup 2024: इन कारणों से भारत ने जीता टी20 वर्ल्ड कप 2024


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button