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PM मोदी, नमाज, अर्थव्यवस्था, बुलडोजर…सहित तमाम मुद्दों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंटरव्यू में क्या कहा?


नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को दिए एक इंटरव्यू में खुलकर तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी. सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों ने लंबे समय तक उत्तर प्रदेश पर शासन किया है. उन लोगों ने कृत्रिम चुनौती बनाकर रखी. जिसका परिणाम यह हुआ कि यह प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ता गया. चाहे वो गवर्नेंस का क्षेत्र हो या चाहे प्रदेश के अंदर वेलफेयर के स्कीम को जरूरतमंदों तक पहुंचाने की बात हो. रोजगार की बात और बुनियादी संरचना की बात हो. 2016-2017 आते-आते उत्तर प्रदेश पहचान की संकट से गुजरने लगा था.

जहां 2014 में मोदी जी की सरकार बनने के बाद पूरे देश में उमंग और उत्साह था वहीं उत्तर प्रदेश में केंद्र की योजनाओं को तत्कालिन सरकार लागू ही नहीं होने देती थी. अतंत: 2017 में उत्तर प्रदेश की जनता जनार्दन ने एतिहासिक निर्णय लिया और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार दी जिसके परिणाम सामने हैं.

मैं एक नागरिक के तौर पर काम करता हूं: योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी भूमिका पर बात करते हुए कहा कि मेरी प्राथमिक भूमिका एक नागरिक की है और मैं एक नागरिक के तौर पर ही अपना काम करता हूं.

हिंदुओं से सीखो धार्मिक अनुशासन : सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सड़कों पर नमाज अदा करने पर रोक लगाने के अपनी सरकार के फैसले का  बचाव किया. साथ ही उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ को धार्मिक अनुशासन और व्यवस्थित आचरण का एक आदर्श उदाहरण बताया. योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘सड़कें चलने के लिए होती हैं और जो लोग ऐसा कह रहे हैं… उन्हें हिंदुओं से अनुशासन सीखना चाहिए. प्रयागराज में 66 करोड़ लोग आए थे कहीं लूटपाट की घटना नहीं हुई. 

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योगी का धर्म क्षेत्र vs कर्म क्षेत्र
सवालः  आप धर्म के क्षेत्र में रहे हैं. अभी भी हैं. राजनीतिक में भी हैं. अपने आपको कहां सहज मानते हैं?
योगी आदित्यनाथ: हम लोग धर्म के पक्ष को सीमित दायरे तक कैद करके रखते हैं. राजनीति को भी हम चंद मुट्ठीभर लोगों तक सीमित रखते हैं. सारी समस्या का जड़ यही है. राजनीति अगर स्वार्थ के लिए है तो वह समस्या देगी. राजनीतिक अगर परमार्थ के लिए है, तो वह समाधान देगी. धर्म भी यही है. धर्म जब आत्म कल्याण के लिए होता है , तो वह नई नई समस्याएं देगा. लेकिन परमार्थ के लिए जब व्यक्ति अपने को समर्पित करता है तो प्रगति के नए रास्ते वह सुझाएगा. भारत की परंपरा में धर्म को स्वार्थ के साथ नहीं जोड़ा है. दोनों का मकसद ही सेवा भाव है.

सवाल: क्या केंद्रीय नेताओं से आपके मतभेद हैं?
जवाब: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ-साफ शब्दों में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेताओं से तकरार की बातों को खारिज करते हुए पूछा है कि क्या केंद्रीय नेताओं से मतभेद करके वो यहां बैठे रह सकते हैं. 

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पीएम पद का अगला दावेदार कौन होगा सीएम योगी ने बताया
जब सीएम योगी आदित्यनाथ से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि देश का एक बहुत ही बड़ा तबका आपको प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहता है, कभी न कभी. इस पर सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि राजनीति मेरे लिए महज एक कोई फुल टाइम जॉब नहीं है. पीएम पद का अगला दावेदार कौन होगा? इस पर लोगों की अपनी-अपनी पसंद है. लेकिन एक तबके का मानना है कि देश का अगला पीएम सीएम योगी को होना चाहिए. हालांकि इससे पहले सीएम योगी खुद कह चुके हैं वो यूपी में ही रहना चाहते हैं.

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बुलडोजर पर योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा? 
यह यहां की जरूरत थी. उसके मुताबिक जो जरूरी लगा, आज भी कहीं अतिक्रमण होता तो उसको खाली करवाने के लिए उसका इस्तेमाल होता है.बुलडोजर इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाता है औऱ साथ में अतमिक्रमण को भी हटाता है. बुलडोजर का इस्तेमाल अच्छे तरीके से करना हमने सिखाया है. 

सवालः हर मनुष्य की एक प्राथमिक भूमिका होती है. आप अभी सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं. आप राजनीति संभालते हैं. गवर्नेंस संभालते हैं. जब आप खुद को हटकर देखते हैं तो आप क्या पाते हैं?
योगीः मैं खुद के एक नागरिक के तौर पर देखता हूं. अपने को विशिष्ट नहीं मानता है. पहले मैं एक नागरिक हूं.एक नागरिक के रूप में अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करते हुए मेरे लिए देश सर्वोपरि है. देश अगर मेरा सुरक्षित है, तो मेरा धर्म भी सुरक्षित है. धर्म सुरक्षित है, तो कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है.

वक्फ बिल से मुस्लिमों को भी फायदा होगा: योगी आदित्यनाथ
वक्फ बिल के विरोध पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि यकीनन हर अच्छे काम का विरोध होता है. इसे बिल का लाभ तो देश के मुसलमानों को भी मिलेगा. वक्फ बिल को लेकर देशभर में कई जगहों पर प्रदर्शन किया जा रहा है. बीते दिने ईद की नमाज में भी लोगों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज अदा की. जिसे वक्फ बिल के खिलाफ सांकेतिक विरोध के तौर पर देखा जा रहा है, जिसे बीजेपी नेताओं ने सियासत करा दिया है. 

यही प्रदेश था, जिसके आगे आठ साल पहले पहचान का संकट था. आज ईद कितने शांति के साथ मनाई जा रही है. 2017 से पहले कोई पर्व और त्योहार आता था, तो लोगों में आशंका आने लगती थी.  लेकिन यह आशंकाएं बंद होनी चाहिए. 

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एक चाहत होती है कि लोग मुझे ऐसे याद करें?आप क्या चाहत हैं?
मुझे याद क्यों करेंगे, मैं तो वर्तमान में ही हूं. नाम नहीं, हमारे जो काम होंगे, वह आने वाली पीढ़ी के लिए स्मरणीय होंगे.नाम नहीं, काम से पहचान होनी चाहिए. 
    


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