देश

राहुल गांधी और अमित शाह ने ऐसा क्या कह दिया कि चुनाव आयोग ने थमा दिए नोटिस?


नई दिल्ली:

चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय पार्टियों बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के अध्यक्षों को नोटिस थमा दिए. आयोग ने यह नोटिस उनके स्टार प्रचारकों अमित शाह (Amit Shah) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की टिप्पणियों को लेकर जारी किए हैं. दोनों दलों से इस पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. कथित तौर पर दोनों नेताओं की टिप्पणियों में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है. 

बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान का सिलसिला खत्म होने से दो दिन पहले सोमवार का दिन शुरू होने, यानी रात एक बजे तक अपने-अपने जवाब देने हैं.

बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने 6 नवंबर को मुंबई में दिए गए भाषण में “अन्य राज्यों पर महाराष्ट्र के कथित अवसर चुराने और छीनने का झूठा आरोप लगाया था.”

राहुल गांधी पर युवाओं को भड़काने का आरोप

बीजेपी ने 11 नवंबर को की गई शिकायत में कहा, “राहुल गांधी अपने बयानों से महाराष्ट्र के युवाओं को भड़का रहे हैं, जो देश की एकता और अखंडता के लिए बेहद खतरनाक है. उनके प्रचार और आचरण के सामान्य पैटर्न के अनुरूप जैसा कि अपेक्षित था, राहुल गांधी का भाषण झूठ और मिथ्या से भरा था, जिसका उद्देश्य भारत के राज्यों के बीच असंतोष, दुश्मनी और दुर्भावना पैदा करना था. राहुल गांधी ने अपने भ्रामक बयान से महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों के लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश की है.”

यह भी पढ़ें :-  हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई सुधार किए हैं...; लाल किले से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में पीएम मोदी

महाराष्ट्र में राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर की ली गई तलाशी, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सरकार और EC से पूछे तीखे सवाल

कांग्रेस ने जवाबी शिकायत में आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह ने 12 नवंबर को धनबाद में एक चुनावी रैली के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और उसके सहयोगियों के बारे में “झूठे, विभाजनकारी, दुर्भावनापूर्ण और निंदनीय बयान दिए.”

अमित शाह पर मतदाताओं को भड़काने का आरोप

कांग्रेस ने 13 नवंबर को अपनी शिकायत में कहा, “अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी (A) अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के खिलाफ हैं; (B) देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. झारखंड में बीजेपी के अभियान में जो एक आम बात बन गई है, अमित शाह ने कांग्रेस पर एसटी, एससी और ओबीसी समुदायों के सदस्यों से आरक्षण छीनने और उन्हें एक विशेष धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को देने की योजना बनाने का भी आरोप लगाया है.”

‘जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मैं पूजता हूं…’, जानें एक लाइन में कैसे बिहार से झारखंड को साध गए PM मोदी

कांग्रेस ने आरोप लगाया, “अमित शाह द्वारा दिए गए बयानों का एकमात्र उद्देश्य धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काना है, ताकि वोटों को एकजुट किया जा सके और सांप्रदायिक असुरक्षा को बढ़ावा देकर उन्हें बीजेपी के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा सके.”

आदर्श आचार संहिता में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश समाहित हैं. इसमें कहा गया है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ाए या आपसी नफरत पैदा करे या फिर विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच तनाव पैदा करे.

यह भी पढ़ें :-  भारत कठिन समय में भी साझा हित के विषय पर विश्व को सहमत करने का सामर्थ्य रखता है: जयशंकर

इसमें यह भी निर्देश है कि अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रहेगी.

यह भी पढ़ें –

चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं जिगरा… ये हैं मुंबई के घाटकोपर के सबसे गरीब पत्रकार उम्मीदवार

महाराष्ट्र: गृहमंत्री अमित शाह के हेलिकॉप्टर की EC के अधिकारियों ने की जांच, खुद शेयर किया Video


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button