क्या है गुजरात का 'सर क्रीक क्षेत्र'? जहां PM मोदी ने इस बार मनाई सैनिकों के साथ दीवाली
कच्छ:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के कच्छ जिले में भारत-पाक सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), थलसेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के साथ दीपावली मनाई. हर साल की तरह जवानों के साथ दीवाली मनाने की अपनी परंपरा पीएम मोदी ने इस बार भी जारी रखी. उन्होंने इस बार गुजरात के कच्छ के सर क्रीक क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मियों के साथ रोशनी का त्योहार मनाया.
क्या है ‘सर क्रीक क्षेत्र?
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्गम और चुनौतीपूर्ण सीमावर्ती स्थान पर तैनात सैनिकों को उत्सव की खुशियां दीं. सर क्रीक के पास लक्की नाला में समारोह में भाग लेने के दौरान उन्हें जवानों को मिठाई खिलाते हुए देखा गया. यह क्षेत्र पाकिस्तान के साथ क्रीक सीमा की शुरुआत को चिह्नित करता है. सर क्रीक, भारत और पाकिस्तान के बीच 96 किलोमीटर लंबा विवादित सीमा क्षेत्र है. इस इलाके को आमतौर पर पाकिस्तान से ड्रग तस्करों और आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों का केंद्र बिंदु माना जाता है.
#WATCH | Gujarat: Prime Minister Narendra Modi celebrates Diwali with Indian Army officials and personnel by giving them sweets, in Kachchh. pic.twitter.com/NwsxQLjr5Y
— ANI (@ANI) October 31, 2024
कितना दुर्गम?
दलदली क्षेत्र के लिए मशहूर यह इलाका पेट्रोल ऑपरेशन के लिए बड़ी चुनौतियां पेश करता है. इस पर बीएसएफ की सतर्क निगरानी रहती है. हालांकि, बीएसएफ फोर्सेज, जिसमें उनके एलीट मगरमच्छ कमांडो भी शामिल हैं, ने भारतीय क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इन खतरों को लगातार नाकाम किया है . सूत्रों ने बताया कि अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने चुनौतीपूर्ण हालात में देश की सीमा को सुरक्षित रखने के अटूट समर्पण के लिए बीएसएफ जवानों की सराहना की.
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सैनिकों से भी बातचीत की, उनके परिचालन वातावरण में हाल ही में हुए बदलावों के बारे में जानकारी ली और उनके कर्तव्यों को आसान बनाने के लिए संभावित तरीकों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने खाड़ी क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया और भुज के लिए रवाना होने से पहले कर्मियों के साथ लगभग एक घंटा बिताया.
जब पीएम मोदी गरजे
प्रधानमंत्री मोदी ने गरजते हुए कहा कि भारत अपनी सीमा की एक इंच जमीन पर भी समझौता नहीं कर सकता और लोगों को देश की रक्षा के लिए अपनी सेना की ताकत पर विश्वास है. सैनिकों के साथ दिवाली मनाते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत अपनी सीमाओं के एक इंच पर भी समझौता नहीं कर सकता. यही कारण है कि हमारी नीतियां हमारे सशस्त्र बलों के संकल्प के अनुरूप हैं. हमें अपने सैनिकों के दृढ़ संकल्प पर भरोसा है, दुश्मनों की बातों पर नहीं.”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोगों को लगता है कि उनका देश आपके (सैनिकों) कारण सुरक्षित है. मोदी ने सैनिकों से कहा, ‘‘जब दुनिया आपको देखती है, तो वह भारत की ताकत देखती है, लेकिन जब दुश्मन आप की ओर देखते हैं, तो उन्हें अपनी नापाक साजिशों का अंत दिखाई देता है.”
2014 से जारी है पीएम मोदी की परंपरा
यह यात्रा 2014 से उनकी वार्षिक परंपरा का ही एक हिस्सा है – जब उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर का औचक दौरा किया था – जिसमें वे सीमा चौकियों पर तैनात सैनिकों के साथ दिवाली मनाते देखे गए. इस कदम ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सशस्त्र बलों के योगदान के प्रति उनकी सराहना को दर्शाया. पिछले साल प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लेप्चा में सैनिकों के साथ दिवाली मनाई थी, जो चीनी सीमा से सटा हुआ है. उन्होंने लेप्चा में ‘बहादुर सुरक्षा बलों’ के साथ दिवाली मनाने के अवसर को ‘गहरी भावना और गर्व से भरा अनुभव’ बताया.
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