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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के जाने के बाद और डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद यूक्रेन का क्या होगा, क्या है रूस की चाल


नई दिल्ली:

Russia Ukraine War: 24 फरवरी 2022 से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को 1000 से ज्यादा दिन हो गए हैं. दोनों ओर से अभी भी कोई भी झुकने को तैयार नहीं है. दोनों ओर से दावे अभी भी जारी है, लेकिन भीतर से दोनों ओर की सरकारें और सेनाएं इस बात को महसूस कर रही हैं कि  युद्ध से अभी तक कुछ भी बड़ा हासिल नहीं हुआ और हौसला दरकने लगा है. इतने लंबे समय से चल रहे रूस-यूक्रेन  युद्ध ने इसी महीने और भयंकर रूप ले लिया है. रूस की ओर से दावा किया जा रहा है कि यूक्रेन के उत्तर पूर्वी खारकीव क्षेत्र के एक गांव पर कब्जा कर लिया गया है. ऐसे माहौल में यूक्रेन की स्थिति कुछ कमजोर होती जा रही है. यूक्रेन के पूर्व विदेश मंत्री ने चिंता जताते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि व्लादिमीर पुतिन अपना इरादा बना चुके हैं और वह किसी की नहीं सुनेंगे. 

यूक्रेन को डराने लगे पुतिन के तेवर

रूस के तेवर को इस बात से देखा जा सकता है कि उसने आरोप लगाया है कि यूक्रेन दो बार अमेरिकी निर्मित मिसाइलों से उस पर हमला कर चुका है. जवाब में रूस ने भी कई ड्रोन और परमाणु युद्ध में इस्तेमाल होने वाली मिसाइलों से यूक्रेनी शहरों को दहलाया है.

पुतिन नहीं मानेंगे कोई शांति समझौता

इस बीच यूक्रेन के पूर्व विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप अगर आगामी दिनों में यूक्रेन और रूस के बीच कोई शांति समझौता लाते भी हैं तब भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन नहीं मानेंगे. कुलेबा का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति ने अपना मन बना लिया है और वे यूक्रेन को बुरी तरह कुचलकर ही मानेंगे. बता दें कि कुलेबा ने सितंबर में यूक्रेन के विदेश मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

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यूक्रेन को अमेरिकी बंद होने का संदेह 

यूक्रेन को इस बात की भी आशंका है कि जब डोनाल्ड ट्रंप सत्ता पर काबिज होंगे तक अमेरिका का यूक्रेन को लेकर क्या रुख होगा. कुलेबा को आशंका कि अगर ट्रंप मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के विपरीत यूक्रेन को सैन्य हथियारों की मदद करना बंद देते हैं तो यूक्रेन का क्या होगा? 

क्या अकेला पड़ जाएगा यूक्रेन

इससे यूक्रेन अकेला पड़ जाएगा और यूक्रेन के लोगों को रूस का गुस्से का सामना पड़ेगा. इससे न केवल यूक्रेन की सरकार पर आफत आ जाएगी बल्कि यूक्रेन की निर्दोष जनता पर भी इसका असर पड़ेगा. अखबार में छपी खबर के अनुसार कुलेबा मानते हैं कि पुतिन को अब भी लगता है कि वे यूक्रेन राष्ट्र का दर्जा खत्म कर सकते हैं. कुलेबा का यह भी कहना है कि रूस दुनिया को यह दिखाना चाहता है कि वे सब मिलकर भी यूक्रेन की रक्षा करने में असमर्थ रहे हैं.



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