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कब आएगा आदेश? राजस्थान में  कबाड़ बनी छात्राओं को दी जाने वाली हजारों स्कूटियां, मंत्री बोले- अब बंटवा देंगे


नई दिल्ली:

राजस्थान में पहले की अशोक गहलोत सरकार ने बेटी प्रोत्साहन योजना शुरू की थी. इसके तहत होनहार छात्राओं को स्कूटी दी जानी थी. उस वक्त सैकड़ों छात्राओं को स्कूटी दी भी गई. लेकिन, चुनाव आने और सरकार बदलने के दौरान और उसके बाद इन गतिविधियों पर ब्रेक लग गई. बांसवाड़ा जिले के पीजी कॉलेज में करोड़ों रुपये की ऐसी ही सैकड़ों स्कूटी पिछले लगभग दो साल से खुले मैदान में पड़ी हैं. सरकार और अफसर की लापरवाही की वजह से बच्चियों को दी जाने वाली ये स्कूटी झाड़ियों के बीच कबाड़ होने लगी हैं.

ये स्कूटी आदिवासी छात्राओं के लिए है, लेकिन खुले में पड़े-पड़े इसमें जंग लग गई. राजस्थान में सरकार बदल गई. बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के करीब एक साल बाद भी छात्राओं को स्कूटी नहीं मिल पाई. हालांकि The Hindkeshariकी रिपोर्ट के बाद सरकार हरकत में आई. स्कूटी को झाड़ियों से बाहर निकालने का काम शुरू हुआ. वहीं जनजातीय मंत्री ने भी वादा किया है कि इन्हें एक सप्ताह के भीतर वितरित कर दिया जाएगा.

बांसवाड़ा के विद्या मंदिर कॉलेज परिसर में करीब दो साल से पड़ी लगभग 600 स्कूटी कबाड़ में तब्दील होने लगी. झाड़ियों में दबी ये स्कूटियां होनहार छात्राओं को दी जानी थी, लेकिन लापरवाह अफसरों की वजह से समय पर ये नहीं हो सका.

10वीं और 12वीं में 66% से अधिक अंक लाने वाली छात्राओं को मेरिट लिस्ट के आधार पर ये स्कूटी बांटी जानी थी. ऐसी 1090 और स्कूटी हैं, जो बांसवाड़ा में अलग-अलग जगह रखी हुई हैं. 1690 स्कूटियों की कीमत करीब 13.50 करोड़ है.

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राजस्थान सरकार ने साल 2021-22 में कालीबाई भील स्कूटी वितरण और देवनारायण योजना के तहत प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूटी देने की घोषणा की थी. इसमें राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 65 फीसदी और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 75% से ऊपर अंक लाने वाली छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान किया गया था.

प्रदेश के बांसवाड़ा जिले में पिछले 3 साल में करीब 500 से अधिक छात्राओं को स्कूटी योजना का लाभ भी दिया गया. उन्हें स्कूटी का आवंटन किया गया, लेकिन उसके बाद ये योजना रुक गई. कहा गया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता और वित्त विभाग से इसके लिए क्यूआर कोड जारी नहीं होने के कारण इससे लाभान्वित होने वाली छात्राओं को स्कूटी का वितरण नहीं किया जा सका.

खुले आसमान के नीचे छोड़ दी गईं करोड़ों की स्कूटी
वहीं स्कूटी की सप्लाई देने वाली कंपनी ने जिले में इसका आवंटन कर दिया है. इन्हें रखने की जगह नहीं होने के कारण बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर महाविद्यालय परिसर में सैंकड़ों स्कूटियां खुले आसमान के नीचे छोड़ दी गईं. करीब दो साल से यहीं पड़ी होने की वजह से ये कबाड़ में बदलने लगीं. आसपास बड़ी-बड़ी झारियां उग गईं, जिसमें ये गाड़ियां छुप सी गईं. लेकिन सरकार की ओर हरी झंडी नहीं मिलने की वजह से इसका वितरण नहीं किया जा सका.

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सरकार से स्वीकृति का इंतजार
नोडल अधिकारी हरिदेव जोशी और कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सरला पंड्या ने बताया कि वित्त विभाग ने अभी तक क्यूआर कोड जारी नहीं किया है. इसकी वजह से इसका वितरण नहीं किया जा सकता है. जैसे ही सरकार इसकी स्वीकृति देगी, संबंधित छात्राओं को इसका वितरण कर दिया जाएगा.

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वहीं इस मामले में जनजातीय मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने The Hindkeshariसे कहा कि पिछली सरकार का जनजातीय बच्चों और लोगों से कोई लेना देना नहीं था. इसी वजह से मेधावी बच्चियों को स्कूटी का वितरण नहीं किया जा सका. अब हमारी सरकार आई है. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण हम ध्यान नहीं दे पाए, लेकिन अब हम इसकी जांच कराएंगे और जल्द ही बच्चियों को ये स्कूटी दी जाएगी.
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पुरानी बंटी नहीं, नई के लिए आवेदन लेना शुरू
एक ओर दो साल से स्कूटी का वितरण नहीं हो रहा है. वहीं दूसरी ओर नोडल केंद्र, हरदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय ने 2023-24 के लिए छात्राओं से आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं. अभी तक 1368 छात्राओं ने आवेदन किया है.


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