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कहां हुई चूक? जानिए कैसे नक्सलियों ने 'फॉक्सहोल टेकनीक' से बीजापुर में खेला खूनी खेल


नई दिल्ली/बीजापुर:

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सोमवार को सुरक्षाबलों के जवानों पर हुए हमले (Chhattisgarh Naxalite Attack) को पिछले 2 साल में हुआ सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. नक्सलियों ने एंटी नक्सल ऑपरेशन से लौट रही सुरक्षाबलों की टीम को टारगेट किया. उनकी एक बख्तरबंद गाड़ी को IED (Improvised Explosive Device) से उड़ा दिया गया. इस नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 8 जवान और गाड़ी के ड्राइवर शहीद हो गए. नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) की टीम जांच के लिए घटनास्थल पहुंच रही है. हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा, “हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे.”

आइए जानते हैं कि सुरक्षाबलों की टीम पर नक्सलियों ने कैसे हमला किया? इसे स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल में चूक माना जाए या नहीं…

एंटी नक्सल ऑपरेशन खत्म करके लौट रहे थे जवान
IG बस्तर पी. सुंदरराज ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, “छत्तीसगढ़ के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में 3 जनवरी 2024 से एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा था. डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड यानी DRG और STF की टीम इस ऑपरेशन में शामिल थी. इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 5 नक्सलियों के शव बरामद किए. हमारा एक जवान भी शहीद हुआ. सुरक्षाबल सोमवार की दोपहर ऑपरेशन खत्म करके बेस कैंप लौट रहे थे. बीजापुर के बेदरे-कुटरू रोड पर दोपहर 2.15 बजे नक्सलियों ने हमला कर दिया. अंबेली गांव में नक्सलियों ने IED से ब्लास्ट हुआ.”

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ब्लास्ट से हुआ 10 फीट का गड्ढा
IG बस्तर के मुताबिक, सुरक्षाबलों के काफिले में चल रही बीच के स्कॉर्पियो को निशाना बनाया गया. इस अटैक में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के 10 से ज्यादा जवान सवार थे. DRG स्टेट पुलिस की एक यूनिट है. IED से हुआ धमाका इतना जोरदार था कि सड़क पर 10 फीट गड्ढा हो गया. गाड़ी के कुछ पार्ट्स 20 फीट ऊंचे पेड़ पर की शाखों पर अटके मिले. 

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जवानों के उड़े चीथड़े
धमाका इतना ताकतवर था कि जवानों के चीथड़े उड़ गए. कई जवान बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. उनका आर्मी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. जिस स्कॉर्पियो पर हमला हुआ, उसके कुछ पार्ट्स पेड़ पर अटक गए, कुछ मलबा जमीन पर बिखर गया. घटनास्थल पर जवानों के हथियार भी बिखरे पड़े मिले हैं.

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विस्फोट के लिए फॉक्सहोल टेकनीक का इस्तेमाल 
सूत्रों के मुताबिक, धमाका इतना जोरदार था कि स्कॉर्पियो के बोनट का एक हिस्सा पास के पेड़ पर लटक गया. सूत्रों ने कहा कि घटनास्थल से पता चलता है कि माओवादियों ने विस्फोट के लिए फॉक्सहोल टेकनीक का इस्तेमाल किया था. इस टेकनीक में माओवादी पहले सड़कों पर बड़े गड्ढे खोदते हैं. फिर इन गड्ढों को पत्थरों से भर देते हैं. एंटी माइन ऑपरेशन के दौरान इन गड्ढों का पता नहीं चल पाता है. जब माओवादी किसी धमाके को अंजाम देने वाले होते हैं, तो वे इन गड्ढों में विस्फोटक यानी IED भर देते हैं और ऊपर से पत्तों से ढक देते हैं. जब सुरक्षाबलों की गाड़ियां इन गड्ढों को ऊपर से गुजरती है, तो धमाके की चपेट में आ जाती है.

आखिर कहां हुई गलती?
नक्सलियों ने पक्की सड़क पर ब्लास्ट किया था. अक्सर ऐसी घटनाएं इंटेलिजेंस फेल्योर की वजह से होती है. आशंका जताई जा रही है कि सुरक्षा के कई मानकों यानी SOP की अनदेखी की गई होगी. ये जवान अबूझमाड़ जैसे खतरनाक इलाके में एंटी नक्सल ऑपरेशन को अंजाम देकर एक स्कॉर्पियो में सवार होकर लौट रहे थे. SOP के मुताबिक उन्हें बुलेटप्रुफ व्हीकल मिलनी चाहिए थी. चूक कहां हुई ये जांच का विषय है.

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सूत्रों ने यह भी कहा कि DRG के जवान आमतौर पर पैदल या बाइक से चलते हैं. ऐसे में इस धमाके के बाद स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल की अनदेखी की आशंका बढ़ गई है.

छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा है कि जह जांच और विचार करने का विषय है कि इतना बड़ा नक्सली हमला कैसे हो गया?

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गृह मंत्री बोले- मार्च 2026 तक भारत से होगा नक्सलवाद का सफाया
छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले पर गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया है. शाह ने X प्लेटफॉर्म पर लिखा, “बीजापुर (छत्तीसगढ़) में IED ब्लास्ट में DRG के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दुखी हूं. वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. इस दुख को शब्दों में व्यक्त कर पाना असंभव है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे.”

छत्तीसगढ़ से जल्द होगा नक्सलवाद का खात्मा- CM
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ‘आज IED विस्फोट में हमारे 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हुए हैं. मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं. उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. जिस तरह से लगातार नक्सलियों को परास्त किया जा रहा है, उससे वे हताश हैं और ऐसी कायराना हरकतें कर रहे हैं. जल्द छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा होगा और यहां शांति बहाल होगी.”

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