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ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ की लिस्ट में कहां है पाकिस्तान और किस नंबर पर भारत की सेना


नई दिल्ली:

ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ की नई लिस्ट जारी हो गई है. हाल ही में दुनिया की ताकतवर सेनाओं की लिस्ट जारी हुई है. इस लिस्ट के हिसाब से साल 2024 में दुनिया की सैन्य ताकतों की रैंकिंग में अमेरिका सबसे ऊपर है यानी अमेरिका की सेना दुनिया में सबसे शक्तिशाली सेना है. अमेरिका के बाद ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ की लिस्ट में रूस और फिर चीन का नंबर क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर है. इस लिस्ट में भारत को चौथा स्थान मिला है. वहीं भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी इस लिस्ट की टॉप-10 की ताकतवर सेनाओं में जगह बनाई है. इस लिस्ट के अनुसार पाकिस्तान की सेना दुनिया की नौवीं सबसे ताकतवर सेना है. उल्लेखनीय है कि ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं को सूचीबद्ध करने के लिए 60 से अधिक बातों को आधार बनाकर दुनिया की 145 देशों की सैन्य ताकतों का मूल्यांकन किया है.

पाकिस्तानी सेना की ताकत पर क्या कहा

जहां तक पाकिस्तानी सेना की ताकत की बात की जाए तो उसके पास 3,700 से ज्यादा टैंक, 1,400 सैन्य विमान और 17 लाख सैनिक हैं. इनमें 6,54,000 सक्रिय सैन्यकर्मी हैं. सक्रिय सैन्यकर्मियों के मामले में पाकिस्तान की ताकत काफी ज्यादा बताई गई है. सक्रिय सैनिकों की संख्या के हिसाब से वह दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है. पाकिस्तान सशस्त्र बलों में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ नेशनल गार्ड और सिविल सशस्त्र बल जैसे अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं.

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कितनी है पाक सेना की ताकत

ग्लोबल फायरपावर मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास 50 हजार से ज्यादा आर्म्ड व्हीकल, 600 रॉकेट लॉन्चर, 2 विध्वंसक पोत, 8 पनडुब्बी, 114 नौसिक जहाज और 387 लड़ाकू विमान हैं. रिपोर्ट ने पाकिस्तान को पावर इंडेक्स में 0.1711 प्वाइंट दिए हैं. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सेना का खर्च 6.3 अरब डॉलर है. रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की दूसरी सेनाओं के काम यानी सीमाओं पर देश की रक्षा करने के अलग पाकिस्तान की सेना गैर-सैन्य क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सक्रिय है.

जिस हिसाब से दुनिया में अलग-अलग हिस्सों में तनाव बढ़ता जा रहा है कि उससे हथियारों की होड़ के साथ साथ सेना के आधुनिकीकरण की ओर सरकारें ध्यान दे रही हैं.  साथ ही आधुनिक तकनीक के प्रयोग की जरूरत पर भी देश की सरकारों का ध्यान गया है और इस दिशा में काम होना शुरू हो चुका है. 



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