महज 25 साल की उम्र में विधायक बनने वाली मधुपर्णा ठाकुर कौन हैं? ममता बनर्जी ने क्यों चला यह दांव
Election Results 2024 : नाम मधुपर्णा ठाकुर. उम्र 25 साल. अगर सिर्फ यह जानकारी हो और बताया जाए कि पश्चिम बंगाल की उत्तर 24 परगना जिले की बागदा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को मधुपर्णा ने जीत लिया है तो आपको एक बार हैरानी जरूर होगी. मगर यह सच है. निर्वाचन आयोग के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार मधुपर्णा ठाकुर ने उत्तर 24 परगना जिले की बागदा विधानसभा सीट पर भाजपा के अपने प्रतिद्वंद्वी बिनय कुमार बिश्वास को 33455 मतों से पराजित किया है. उन्हें कुल 1,07,706 वोट मिले. वह पश्चिम बंगाल के इतिहास की सबसे कम उम्र की विधायक होंगी.
कौन हैं मधुपर्णा ठाकुर?
मधुपर्णा ठाकुर ने जूलॉजी में ग्रैजुएशन किया है. वह मतुआ महासंघ के संस्थापक परिवार से हैं. यह मटुआओं का सबसे बड़ा संघ है. भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर की चचेरी बहन मधुपर्णा वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य और बनगांव से पूर्व लोकसभा सदस्य ममता बाला ठाकुर की बेटी हैं.
कौन है मतुआ समुदाय?
पिछड़ा वर्ग का मतुआ समुदाय विभाजन के बाद और 1971 के युद्ध के दौरान पड़ोसी बांग्लादेश से शरणार्थी के रूप में पश्चिम बंगाल आया था. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से मतुआ मतदाताओं का भाजपा में विश्वास बढ़ना शुरू हुआ, जो पिछले चुनाव में भी कम नहीं हुआ है.
हार-जीत तय करता है ये समुदाय
राणाघाट से भाजपा के वर्तमान लोकसभा सदस्य जगन्नाथ सरकार न केवल इस बार 1,86,899 मतों के अंतर से फिर से जीते, बल्कि अपना वोट शेयर भी 50.78 पर बनाए रखा. बनगांव में भाजपा के मौजूदा लोकसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर 73,693 वोटों के अंतर से फिर से चुने गए. वोटिंग प्रतिशत के मामले में ठाकुर का प्रदर्शन 48.19 रहा, जबकि तृणमूल कांग्रेस के उनके प्रतिद्वंद्वी विश्वजीत दास को 43.25 प्रतिशत वोट मिले.
क्यों हुआ इस सीट पर उपचुनाव?
उत्तर 24 परगना जिले के बागढ़ा विधानसभा सीट पर भाजपा के टिकट पर जीते बिश्वजीत दास विधायकी से इस्तीफा देकर तृणमूल के टिकट पर बनगांव लोकसभा सीट से खड़े हुए थे. मगर वह हार गए, लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें दोबारा बागढ़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाने की बजाय उपचुनाव में मधुपर्णा ठाकुर को टिकट दे दिया और वह जीत भी गईं.
ममता बनर्जी ने चला था बड़ा दांव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मधुपर्णा ठाकुर को टिकट देकर बड़ा दांव खेला था और उसमें सफल भी हो गईं. अब भाजपा के वोटर बन चुके मतुआ समाज के वोट काटने में उन्हें आसानी होगी और कम से कम यह एकतरफा तो वोट नहीं ही करेंगे. इससे आगामी विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को बड़ी राहत मिलेगी. इसे ममता बनर्जी का मास्टरस्ट्रोक भी कहा जा रहा है.