अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर क्यों नहीं हो रहा उपचुनाव? चुनाव आयोग ने बताई वजह
नई दिल्ली/लखनऊ:
भारत के निर्वाचन आयोग (EC) ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ 48 विधानसभा सीटों, 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर भी उपचुनाव का शेड्यूल जारी किया गया है. हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट की सबसे ज्यादा चर्चा थी, लेकिन वहां अभी उपचुनाव नहीं होंगे. मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव अभी नहीं कराने को लेकर चुनाव आयोग ने जवाब भी दिया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी के मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा इसलिए नहीं हुई, क्योंकि BJP के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने 2022 में चुनाव जीते सपा विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. ये पिटीशन अभी पेंडिंग है. इस बीच समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग पर BJP के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से कहा गया कि कानपुर की सीसामऊ सीट का मामला भी अदालत में है. लेकिन, आयोग वहां चुनाव करवा रही है.
अवधेश प्रसाद के संसद पहुंचने से खाली हुई ये सीट
सपा के अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक थे. उन्होंने फैजाबाद सीट से 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे. उन्होंने 7 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. इसके बाद ये सीट खाली हो गई थी.
गोरखनाथ ने क्यों दायर की थी याचिका?
दरअसल, साल 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर BJP प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी. उन्होंने विधायक चुने गए अवधेश प्रसाद के चुनावी हलफनामे पर सवाल उठाए थे और उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. गोरखनाथ की तरफ से कहा गया था कि अवधेश प्रसाद ने जो हलफनामा दाखिल किया है उसकी नोटरी ऐसे शख्स से कराई है, जिसका लाइसेंस खत्म हो चुका था. ऐसे में यह हलफनामा अवैध था. गोरखनाथ ने याचिका दाखिल कर अवधेश प्रसाद के नामांकन को रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी.
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सपा ने EC की मंशा पर उठाए सवाल
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फकरूल हसन चांद ने चुनाव आयोग पर दो आंख करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में हैं, तो चुनाव नहीं होगा. पर वैसा ही केस सीसामऊ विधानसभा सीट का है, तो वहां चुनाव हो रहा है. फकरूल हसन चांद का कहना है कि सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक रहे इरफान सोलंकी ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने निचली अदालत से मिली सजा को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है.
क्या याचिका वापस ले सकते हैं बाबा गोरखनाथ?
इससे पहले बाबा गोरखनाथ के वकील रूद्र विक्रम सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल याचिका वापस ले सकते हैं. हालांकि, बाबा गोरखनाथ ने अपने वकील के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. गोरखनाथ ने कहा कि अभी वो कानूनी राय ले रहे हैं. जब वे कहेंगे तभी तो वकील याचिका वापस लेंगे.
मिल्कीपुर का सियासी समीकरण?
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 34% OBC और 36% जनरल वोटर नतीजे तय करते हैं. इस सीट पर 9.48% मुस्लिम वोटर हैं. SC के 20% वोटर हैं. जबकि सामान्य वर्ग को वोटरों की हिस्सेदारी 36.04% है. मिल्कीपुर में कुल 3.69 लाख वोटर हैं. इस सीट पर BJP का ब्राह्मण और ठाकुर मजबूत वोट बैंक माना जाता है. जबकि समाजवादी पार्टी का यादव-SC और मुस्लिम वोट बैंक है. मिल्कीपुर सीट पर पिछले 5 चुनाव में 3 बार सपा, एक बार BJP और एक बार BSP ने जीत दर्ज की.
किसे बनाया जा सकता है उम्मीदवार?
इस सीट पर सपा और BJP में सीधा मुकाबला होना तय है. सपा से अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को टिकट मिलना लगभग तय है. जबकि BJP अभी अपना प्रत्याशी फाइनल नहीं कर पाई है.
यूपी की इन 9 सीटों पर होना है चुनाव
यूपी की जिन 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है. उनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल है. इन सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे.
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क्यों खाली हुई ये सीटें?
करहल सीट से सपा मुखिया अखिलेश यादव विधायक थे, कन्नौज से सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. कानपुर की सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. प्रयागराज की फूलपुर सीट BJP के पास थी, उनके विधायक प्रवीण पटेल सांसद चुने जा चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
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