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BJP ने राम माधव को 'मिशन कश्मीर' पर क्यों लगाया, रणनीति समझिए


नई दिल्ली:

बीजेपी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख पदाधिकारी राम माधव को मंगलवार को जम्मू-कश्मीर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना से पार्टी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को भी जम्मू-कश्मीर का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है. जम्मू-कश्मीर का प्रभारी पद संभालते ही राम माधव एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापस लौट आए हैं. 

जेपी नड्डा ने राम माधव को किया है नियुक्त

पार्टी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने माधव और रेड्डी को जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रभारी के रूप में नियुक्त किया है. इसमें कहा गया है कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.

इस वजह से सौंपी गई ये जिम्मेदारी

सूत्रों के मुताबिक माधव की वापसी पर पिछले कुछ दिनों में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चर्चा की थी और उन्हें लगा कि पार्टी को इस क्षेत्र के प्रभारी के रूप में उनके अनुभव का लाभ उठाना चाहिए. 

जम्मू-कश्मीर में पहले भी निभा चुके हैं अहम भूमिका

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भाजपा में आए राम माधव की जम्मू-कश्मीर में भी अहम भूमिका रही है. 2014-19 के दौरान भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की गठबंधन सरकार बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस गठबंधन सरकार में मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे और भाजपा को उपमुख्यमंत्री का पद मिला था. देश में 2019 में हुए आम चुनाव में भाजपा की जीत के बाद नड्डा को जब अध्यक्ष बनाया गया था, तब उन्होंने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में माधव को शामिल नहीं किया था.

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18 सितंबर से होंगे विधानसभा चुनाव

वर्तमान में माधव इंडिया फाउंडेशन नामक थिंक टैंक के अध्यक्ष हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण में चुनाव होंगे. 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. इस पूर्ववर्ती राज्य में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद लगभग एक दशक बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं.

90 सीटों पर तीन चरण में होंगे चुनाव

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर जबकि दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 26 और 40 सीटों पर मतदान होगा. जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 के नवंबर-दिसंबर में पांच चरणों में हुआ था. तब यह एक राज्य था और लद्दाख इसका हिस्सा था. (इनपुट भाषा से भी)



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