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हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग भाजपा ने क्यों की? विपक्ष ने क्या कहा? 

Haryana Assembly Polls 2024 : भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है. इसके बाद विपक्ष के सभी दल भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं कि वह चुनाव से भाग रही है. इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने कहा कि भाजपा कल अगर चुनाव तो कल भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि भाजपा ने हाल ही में दो दिनों तक चली मैराथन बैठक की और 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा की प्रत्येक सीट के लिए तीन से चार संभावित उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजे हैं. हरियाणा में एक ही चरण में 1 अक्टूबर को चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. अनिल विज ने कहा, “चुनाव के लिए घोषित तारीखें लोगों के लिए लंबी छुट्टी का मौक देती है. इससे मतदान प्रतिशत कम हो जाता है. कांग्रेस ने आज प्रतिक्रिया व्यक्त की है, लेकिन हम सिर्फ तारीख आगे बढ़ाने की मांग नहीं कर रहे हैं, हम लंबी छुट्टियों की अवधि को रोकने के लिए तारीखों को कुछ दिन पीछे ले जाने का सुझाव दे रहे हैं. हम चुनाव के लिए तैयार हैं. हमारी पार्टी कल चुनाव के लिए तैयार है.”

भाजपा के पक्ष में कौन?

एक दशक से राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा यह अनुरोध करने वाली अकेली नहीं है. अभय चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) ने भी चुनाव टालने की मांग की है. अगर यह मांग मान ली जाती है तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. पंजाब इसकी मिसाल पहले ही बन चुका है. 2022 में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा संत रविदास की जयंती का हवाला देते हुए चुनाव की तारीख को छह दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था. इसके बाद चुनाव आयोग ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख 14 फरवरी से बदलकर 20 फरवरी कर दी थी. चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में, पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने लिखा था कि पंजाब से गुरु रविदास के कम से कम 20 लाख अनुयायी उनकी जयंती मनाने के लिए 10 से 16 फरवरी तक वाराणसी में एकत्र होंगे, जिसके कारण काफी लोग मतदान नहीं कर पाएंगे.

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कांग्रेस-आप के आरोप

हालांकि, कांग्रेस इस बार इसे अलग ढंग से देखती है. पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तारीख स्थगित करने का अनुरोध करके “हार स्वीकार कर ली है” और कहा कि लोग मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने कहा, “चुनाव आयोग द्वारा तय की गई तारीख के अनुसार चुनाव होने चाहिए…हरियाणा के लोग भाजपा सरकार को एक दिन के लिए भी सत्ता में नहीं देखना चाहते.” भूपिंदर हुडा के बेटे और रोहतक से सांसद दीपेंद्र हुडा ने कहा कि इस अनुरोध से पता चलता है कि ”बीजेपी चुनाव से कितनी डरी हुई है.” आम आदमी पार्टी भी इस बार हरियाणा में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. उसने कहा कि अगर भाजपा ने राज्य में काम किया होता, तो वह चुनाव स्थगित करने की मांग नहीं कर रही होती. भाजपा का कहना है कि वह मुकाबले के लिए तैयार है और उसकी चिंता यह है कि मतदान की तारीख से पहले और बाद में छुट्टियों से मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है.

तो छह छुट्टी मिल जाएगी

भाजपा की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य वरिंदर गर्ग ने कहा, “हमने तर्क दिया है कि 1 अक्टूबर (मंगलवार) की विधानसभा चुनाव की तारीख एक सप्ताहांत से पहले है और उसके बाद अधिक छुट्टियां हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है, क्योंकि लोग लंबे सप्ताहांत पर छुट्टियों पर जाते हैं.” गर्ग ने कहा कि 28-29 सितंबर को शनिवार और रविवार है, जबकि 1 अक्टूबर को मतदान अवकाश है. इसके बाद और छुट्टियां होंगी, क्योंकि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और 3 अक्टूबर को महाराजा अग्रसेन जयंती है. इस संबंध में एक पत्र पार्टी की हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने चुनाव आयोग को भेजा था. 30 सितंबर को एक दिन की छुट्टी लेने से लोगों को छह छुट्टियां मिलेंगी. इस लंबे सप्ताहांत के कारण, इस बात की प्रबल संभावना है कि कई परिवार छुट्टियों पर जा सकते हैं और मतदान नहीं कर पाएंगे. 

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