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मोदी की सौगात पर क्यों बिगड़े केजरीवाल, दिल्ली की 'झुग्गी पालिटिक्स' का गणित समझिए


नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी. इनमें गरीबों के आवास से लेकर अत्याधुनिक कामर्शियल कांप्लेक्स और कॉलेज तक शामिल हैं.पीएम मोदी ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ये परियोजनाएं दी हैं. इसलिए इसे चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. पीएम मोदी ने अशोक विहार में झुग्गी-झोपड़ी वालों को 1675 फ्लैटों की चाबियां सौंपी.दिल्ली की राजनीति में झुग्गी-झोपड़ियां और कच्ची बस्तियां एक बहुत बड़ा मुद्दा रही हैं. आम आदमी पार्टी को दिल्ली में मिली सफलता के पीछे इन झुग्गी-झोपड़ियां और कच्ची बस्तियों में रहने वाले वोट बैंक का ही हाथ माना जाता है.झुग्गी-झोपड़ियां और कच्ची बस्तियां दिल्ली में एक ऐसा मुद्दा रही हैं, जिस पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं. 

पीएम मोदी ने अपने भाषण में दिल्ली की आप की सरकार को दिल्ली के लिए ‘आपदा की सरकार’ बताया. पीएम मोदी के इस हमले पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी प्रतिक्रिया दी.उन्होंने कहा कि आपदा दिल्ली में नहीं बीजेपी में आई है. बीजेपी के पास न तो सीएम फेस है और न ही एजेंडा. उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली में इतने काम किए हैं कि घंटों तक गिना सकते हैं. अपने 43 मिनट के भाषण में वे (पीएम) कोई काम नहीं गिना पाए. केजरीवाल ने यह पलटवार पीएम मोदी की रैली के डेढ़ घंटे बाद किया.

विकसित भारत और गरीबों के घर का सपना

गरीबों को फ्लैट की चाबिया देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत बनाने में बहुत बड़ी भूमिका हमारे शहरों की है. जहां दूर-दूर से लोग सपने लेकर आते हैं और बड़ी ईमानदारी से उन सपनों को पूरा करने में जिंदगी खपा देते हैं. इसलिए केंद्र की बीजेपी सरकार शहरों में रहने वाले हर परिवार को क्वालिटी ऑफ लाइफ देने में जुटी है.

पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में आए लोग.

कितने झुग्गी-झोपड़ी वालों को मिले घर

पीएम मोदी ने झुग्गी-झोपड़ी वालों को 1675 फ्लैटों की चाबियां सौंपी. ये मकान वहीं बनाए गए हैं, जहां पहले झुग्गी-झोपड़ियां थीं. झुग्गी के बदले मकान देकर पीएम मोदी ने आप के मजबूत झुग्गी-झोपड़ी वोट बैंक को साधने की कोशिश की है. केंद्र सरकार ने इससे पहले एमसीडी चुनाव के दौरान भी राजेंद्र नगर की कठपुतली कॉलोनी और कालकाजी के गोविंदपुरी में भी ‘जहां झुग्गी, वहीं मकान’ योजना के तहत झुग्गी के मालिकों को मकान उपलब्ध कराए थे.

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आप के इस वोट बैंक को साधने की कोशिश बीजेपी लोकसभा चुनाव के पहले से ही कर रही है. आप भी इस बात को समझ रही है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पिछले साल 16 दिसंबर को आरोप लगाया था कि बीजेपी झुग्गी झोपड़ी वालों के साथ षड्यंत्र कर रही है. उन्होंने कहा था कि बीजेपी वाले पहले झुग्गी में जाते हैं और बाद में उन्हीं झुग्गियों पर बुलडोजर चलवा देते हैं. आतिशी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी वाले झुग्गियों में जाकर लोगों के नाम और नंबर लेकर जाते हैं और उनका वोट कटवा देते हैं. इसी के बाद से दिल्ली में वोटर लिस्ट पर राजनीति गरमाई है. आप आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने पूर्वांचल के लोगों के वोट कटवाए हैं. 

दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी वोट की महिमा

माना जाता है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से करीब 50 में झुग्गी-झोपड़ियां हैं. इन झुग्गी-झोपड़ियों में दिल्ली का एक बड़ा वोट बैंक रहता है. यह भी कहा जाता है कि दिल्ली की करीब 25 सीटों पर परिणाम का फैसला झुग्गी-झोपड़ियां के वोट से होता है.दिल्ली की करीब 18 सौ अवैध झुग्गी-झोपड़ियों और कच्ची कॉलोनियों में 20 लाख से अधिक वोटर रहते हैं.यह वोट बैंक यह तय करने में बड़ी भूमिका निभाता है कि दिल्ली में अगली सरकार किसकी बनेगी.अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 2013 में मुफ्त बिजली-पानी की घोषणा कर इस बड़े वोट बैंक को अपनी ओर मिला लिया.यह वोट बैंक पहले कांग्रेस को वोट करता था. लेकिन उसके आप की ओर चले जाने से दिल्ली में कांग्रेस का सफाया हो गया. इसका नुकसान बीजेपी को भी उठाना पड़ा. झुग्गी-झोपड़ी और कच्ची कॉलोनियों की अधिकता वाली विधानसभा सीटों में वजीरपुर, मॉडल टाऊन, नरेला, आदर्श नगर, संगम विहार, राजेंद्र नगर, तुगलकाबाद, बदरपुर, अंबेडकर नगर, सीमापुरी, बाबरपुर, कोंडली, त्रिलोकपुरी, ओखला, मोती नगर,मादीपुर, शालीमार बाग, मटियाला और किरारी जैसी विधानसभा सीटें शामिल हैं. 

दिल्ली की एक झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के साथ कैरम खेलते दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा.

दिल्ली की एक झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों के साथ कैरम खेलते दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा.

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दिल्ली सरकार की मुफ्त बिजली-पानी जैसी योजनाओं का लाभ अवैध झुग्गी-झोपड़ियों और कच्ची कॉलोनियों में के लोगों को भी मिला. यहां रहने वाले गरीब परिवारों की औरतें जब कामकाज के लिए बाहर जाती हैं तो उन्हें डीटीसी की बसों में यात्रा के लिए पैसे नहीं देने पड़ते हैं. इसके साथ ही आप की सरकार में दिल्ली के स्कूलों में हुए सुधार का फायदा भी इन लोगों को मिला है.इसलिए वो आप के साथ बने हुए हैं. आप के नेता पिछले काफी समय से यही आरोप लगा रहे हैं कि अगर बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आ गई तो वह मुफ्त की ये सभी योजनाएं बंद कर देगी. आप ने महिलाओं के लिए हर महीने पैसे देने की योजना का ऐलान कर इस वोट बैंक को ही और मजबूत बनाने की कोशिश की है. 

झुग्गी झोपड़ी वालों पर बीजेपी की नजर

झुग्गी-झोपड़ियों के वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए बीजेपी काफी प्रयास कर रही है. दिल्ली बीजेपी के नेता विष्णु मित्तल के नेतृत्व में पार्टी ने झुग्गी-झोपड़ी के मतदाताओं को अपनी ओर करने के लिए लगातार अभियान चलाया. इसी कार्यक्रम के तहत प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य नेताओं ने झुग्गियों-झोपड़ियों में रात में रुककर लोगों की समस्याएं जानी. पार्टी नेताओं का कहना है कि इन समस्याओं को पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल कर उनका समाधान किया जाएगा. अपने इस कदम से बीजेपी दिल्ली से आप की सरकार को उखाड़ फेंकने का सपना देख रही है. 

दिल्ली सीएम के शीश महल पर निशाना

इस अवसर का इस्तेमाल पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी पर हमला करने के लिए भी किया.उन्होंने कहा कि देश जानता है कि मोदी ने कभी अपने लिए घर नहीं बनाया है. लेकिन बीते 10 साल में चार करोड़ से अधिक गरीबों को घर देकर उनका सपना पूरा किया है. मैं भी कोई शीश महल बना सकता था, लेकिन मेरे लिए तो मेरे देशवासियों को पक्का घर मिले यही एक सपना था. मैं आप सबको भी कहता हूं कि आप जब भी लोगों के बीच जाएं लोगों से मिले और अभी भी जो लोग झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं, मेरे तरफ से उनको वादा करके आना, मेरे लिए आप ही मोदी हैं, आप वादा करके आना आज नहीं तो कल उनके लिए पक्का मिलेगा.

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दरअसल बीजेपी पिछले काफी समय से दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास को मुद्दा बना रही है. वह सीएम आवास को शीश महल बताती है. वह इस आवास के निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाती रही है. बीजेपी ने पिछले साल 21 नवंबर से इसको लेकर एक अभियान चला रही है.इसमें वह आप से पूछ रही है कि शीश महल के लिए ‘इतना धन कहां से आया,  शीश महल को कैसे सजाया’. बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. वह इसमें वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाती है. उसने इसकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) में भी की है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में इशारों ही इशारों में इसी शीश महल का जिक्र किया. उन्होंने चुनाव से पहले इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश की. उन्होंने इसके जरिए आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार पर घेरने की कोशिश की.

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