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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 39 सेकंड का VIDEO क्यों हो रहा वायरल? जानिए पूरा मामला


नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 39 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है. यह वीडियो 21 दिसंबर को जैसलमेर में आयोजित GST काउंसिल की बैठक का है. अब सवाल ये है कि इस 39 सेकेंड के वीडियो में ऐसा क्या है, जो ट्रोलर्स के निशाने पर आ गया है.

वीणा जैन नाम की यूजर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक 39 सेकेंड का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,  ‘आपने कार खरीदी 12 लाख में, आपने 9 लाख में बेच दी. आपको नुकसान हुआ 3 लाख का. अब आप 3 लाख के उस नुकसान पर 18% जीएसटी भरिए. फिर इन्होंने लिखा पहले लोग कनफ्यूज़्ड थे. फिर निर्मला सीतारमण आईं. उन्होंने समझाया और अब लोग और कनफ्यूज़ हैं.’

अंकित मयंक नाम के यूजर ने भी निर्मला सीतारमण का वही 39 सेकेंड का वीडियो शेयर कर लिखा, ‘मैंने 2014 में 6 लाख की एक कार खरीदी. अगर मैं आज उसे बेचता हूं, तो मुझे 1 लाख मिलेंगे. नए नियमों के अनुसार, मुझे मार्जिन पर 18% जीएसटी भरना होगा (6 लाख-1 लाख=5 लाख) तो कार बेचने के बाद मुझे 10,000 रुपये मिलेंगे और मोदी सरकार को 90,000.’

पूरे सोशल मीडिया पर भ्रम फैला दिया गया है कि अगर आप अपनी गाड़ी बेचते हैं तो आपको हुए नुकसान या मार्जिन पर जीएसटी भी भरना पड़ेगा. जो कि पूरी तरह फर्जी, गलत है. अब आप कहेंगे कैसे? चलिए आपकी कनफ्यूज़न को दूर कर देते हैं और बहुत ही आसान भाषा में समझाते हैं कि आखिर माजरा क्या है?

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निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर कोई रजिस्टर्ड कार रीसेलिंग कंपनी यूज़्ड का खरीदती है. उसमें काम वगैरह करवा कर टिप टॉप बनाकर बेचती है. तब परचेज़ प्राइस और सेलिंग प्राइस के मार्जिन पर 18% टैक्स लगेगा. अब गड़बड़ बस इतनी सी हो गई कि उन्होंने 12 लाख में खरीदा और 9 लाख में बेचा बोल दिया. जिसे पकड़कर सोशल मीडिया पर ट्रोल आर्मी उनके पीछे पड़ गई.

PIB के GST Council की बैठक से जुड़े प्रेस रिलीज के मुताबिक GST में बदलाव के तहत, पुराने और इस्तेमाल किए गए वाहनों पर टैक्स दर 12% से बढ़ाकर 18% कर दी गई है. यह नियम सभी पुराने वाहनों (Petrol, Diesel और EVs) पर लागू होता है, सिवाय कुछ खास कैटेगरी के वाहनों के जो पहले से ही 18% के दायरे में आते हैं. अब 18% GST के दायरे में कौन सी गाड़ियां आती हैं. 1200 cc या उससे ज्यादा क्षमता के इंजन वाली पेट्रोल गाड़ियां जिनकी लंबाई 4000 mm या उससे ज्यादा हो और वो डीज़ल गाड़ियां जिनकी इंजन क्षमता 1500 सीसी या उससे ज्यादा हो साथ ही गाड़ी की लंबाई 4000 mm या उससे ज्यादा हो.

प्रेस रिलीज़ में साफ लिखा है कि GST पूरी गाड़ी की कीमत पर नहीं लगेगा, बल्कि सप्लायर के मुनाफे (Margin) पर ही लागू होगा. अगर कोई गाड़ी Unregistered आदमी  बेचता है, तो GST नहीं लगेगा. सीधे-सीधे इतना समझिए कि यूज़्ड कार बेचने वाली कंपनियों पर पहले टैक्स 12% था जो अब 18% हो गया है. ये टैक्स मुनाफे पर लगेगा, पूरी गाड़ी की कीमत पर नहीं. बड़ी गाड़ियों पर पहले से 18% था, उस पर कोई बदलाव नहीं. अगर यूज़्ड कार बेचने वाला रजिस्टर्ड नहीं है हो, तो GST का झंझट ही नहीं.

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अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लीजिए, एक रजिस्टर्ड व्यक्ति या कंपनी ने एक पुरानी गाड़ी ₹20 लाख में खरीदी और इस पर ₹8 लाख का डिप्रिसिएशन (यानि मूल्य में कमी) क्लेम किया. अब गाड़ी की डिप्रिसिएटेड वैल्यू ₹12 लाख हो गई.

केस-1
‘अगर वो इस गाड़ी को ₹10 लाख में बेचता है, तो मार्जिन यानी मुनाफा ₹10 लाख – ₹12 लाख = ₹-2 लाख होता है. यहां मुनाफा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान हुआ, इसलिए GST नहीं लगेगा.’

केस-2
‘लेकिन अगर वही गाड़ी ₹15 लाख में बेची जाती है, तो मार्जिन होता है: ₹15 लाख – ₹12 लाख = ₹3 लाख. अब ₹3 लाख के मुनाफे पर 18% GST लगेगा. मतलब, ₹3 लाख × 18% = ₹54,000’

अब दूसरा उदाहरण लेते हैं बिना डिप्रिसिएशन के. मान लीजिए, एक रजिस्टर्ड व्यक्ति या कंपनी ने गाड़ी ₹12 लाख में खरीदी और इसे ₹10 लाख में बेच दिया. यहाँ मार्जिन होगा: ₹10 लाख – ₹12 लाख = ₹-2 लाख. यानी सप्लायर को नुकसान हुआ है. ऐसे में GST नहीं लगेगा.

लेकिन अगर गाड़ी ₹20 लाख में खरीदी गई थी और ₹22 लाख में बेची गई, तो: ₹22 लाख – ₹20 लाख = ₹2 लाख। इस ₹2 लाख के मुनाफे पर 18% GST देना होगा. मतलब, ₹2 लाख × 18% = ₹36,000

तो अब आप पूरी तरह समझ गए होंगे कि गाड़ी बेचने पर GST के नाम पर सोशल मीडिया पर बेवजह, GST का गणित समझे बिना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्रोल किया जा रहा है और किस तरह भ्रम फैलाया जा रहा है. तो सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाली ऐसी भ्रामक जानकारियों से बचिए.

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