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खून गर्म, फिर भी बर्दाश्त से बाहर क्यों गर्मी; जानें कैसे काम करता है बॉडी का सिस्टम

अगर गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि शरीर इसको अंदर नहीं रख पा रहा तो हीट बन जाती है. हीट स्ट्रोक इसका सबसे गंभीर रूप है. जब हमारी बॉडी गर्मी को रिलीज नहीं कर पाती तो भीतर सूजन बढ़ने लगती है, ब्लड वेसल्स खुल जाती हैं और एंजाइम ठीक से काम नहीं कर पाते हैं. इससे शरीर के अंग ख़राब होने लगते हैं. अगर हीटस्ट्रोक की वजह से अस्पताल जाना पड़े तो यह लाइफ के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.  

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हीटवेव से किन लोगों को ज्यादा खतरा?

  • हमारे शरीर का सिस्टम गर्मी से बहुत ज्यादा प्रभावित होता है.
  • जब हाई ह्यूमिडिटी के साथ ज्यादा हीट होती है तो गर्मी से परेशानी भी बढ़ती है. प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे बहुत ज्यादा खतरा होता है.
  • हीटवेव से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और समय से पहले डिलीवरी या बच्चे के जन्म के समय कम वजन का भी खतरा रहता है.
  • जिन लोगों को शुगर, कोरोनरी और श्वास संबंधी दिक्कतें हैं, उनको खतरा और भी ज्यादा होता है. 
  • पहले से कमजोर बुजुर्ग और बच्चों को भी हीटवेव से खतरा होता है.
     

दिन में हो रही भीषण गर्मी से राहत के लिए रात में शरीर का तापमान ठंडा रहना चाहिए. लेकिन मौसम के बदलते दौर में रात में भी शरीर को ठीक से आराम ही नहीं मिल पाता है. इसकी वजह से परेशानियां बढ़ रही हैं. हीटवेव से एंग्जायटी और टेंशन जैसी परेशानियां बढ़ने लगी हैं.

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हीटवेव क्या होती है?

जब किसी जगह का टेंपरेचर नॉर्मल से  5 डिग्री या उससे ज्यादा होता है तो गर्मी बढ़ने लगती है और लू चलने लगती है. यही स्थिति हीटवेव कहलाती है. मौसम विभाग के मुताबिक, मैदानी इलाकों में टेंपरेचर अगर 40 डिग्री या फिर इससे ज्यादा होता है तो यह हीटवेब के कैटेगरी में काउंट होता है. वहीं बात अगर पहाड़ी जगहों की करें तो यहां पर टेंपरेचर 30 डिग्री से ज्यादा होने पर हीटवेब की कैटेगरी में आता है. रेड अलर्ट की स्थिति तब पैदा हो जाती है, जब यह तापमान 7 डिग्री या इससे ज्यादा बढ़ जाए.

यह भी पढ़ें :-  दिल्ली में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा मंगलवार, राजस्थान-यूपी और गुजरात में भी हीटवेव का अलर्ट

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हीटवेव से कैसे करें बचाव?

  • हीटवेव से बचने के लिए जितना हो सके सूरज की तपन में बाहर जाने से बचें.
  • बाहर जाना अगर जरूरी है तो अपने चेहरे और सिर को कॉटन के किसी हल्के रंग के कपड़े से कवर जरूर करें.
  • बॉडी टेंपरेटर को नॉर्मल रखने के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा पियें. 
  • संभव हो तो पानी में नमक और चीनी मिलाकर घोल बना लें, उसे थोड़ी-थोड़ी देर पर पीते रहें, जिससे सोडियम की कमी बॉडी में न हो.
  • गर्मी के मौसम में पानी वाले फल जैसे खरबूज, तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि ज्यादा से ज्यादा खाएं.
  • तपती गर्मी में अगर बाहर जा रहे हैं तो छाता साथ लेकर निकले जिससे सूरज की किरणें सीधे आपके शरीर पर न आए.
     


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