प. बंगाल में कांग्रेस संग सीट शेयरिंग फॉर्मुला क्यों हुआ फेल, ममता बनर्जी ने बताई सबसे बड़ी वजह
पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस से राहें जुदा करने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee)ने बयान दिया है. ममता ने कहा है कि कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की थी, लेकिन वे और अधिक सीटें चाहते थे. मैंने कहा कि अब आपको एक भी सीट नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सीपीएम के साथ है. मैंने उनसे कहा कि उन्हें पहले सीपीएम का साथ छोड़ना होगा. वैसे कुछ ही दिन पहले ममता ने साफ किया था कि वह लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का साथ नहीं लेंगी. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में विपक्षी गठबंधन इंडिया में मतभेदों के लिए ममता ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था.
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ममता बनर्जी ने बयान में कहा कि अतीत में सीपीएम ने ओर से मुझे पीटा गया, सिर से पांव तक मुझ पर बेरहमी से वार किए गए. इसलिए याद रखें कि मैं केवल अपने शुभचिंतकों के आशीर्वाद से जीवित हूं. मैं सीपीएम को कभी माफ नहीं कर सकती. इसलिए जो आज सीपीएम के साथ है, वो आगे बीजेपी के साथ भी हो सकते हैं. मैं उन्हें माफ नहीं करूंगी. मैंने कांग्रेस से कहा कि आपके पास विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है, हम आपको दो सीटें देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आपका उम्मीदवार जीत जाए. लेकिन वे अधिक सीटें चाहते हैं, इसलिए मैंने उनसे कहा कि जब तक आप लेफ्ट का साथ नहीं छोड़ देते, तब तक हम आपको एक भी सीट नहीं देंगे.
ममता ने कहा था- कांग्रेस के साथ कोई रिश्ता नहीं
बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने साफ किया था कि उनकी पार्टी राज्य में अकेले ही चुनाव लड़ेगी. उन्होंने साफ किया था कि कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का कोई रिश्ता नहीं है. राज्य की 42 सीटों पर वह अकेले ही चुनाव लड़ेंगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि चुनाव के रिजल्ट आने के बाद ही कांग्रेस के साथ गठबंधन पर विचार करेंगी. ममता बनर्जी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर भी निशाना साधा था. ममता ने कहा था कि वे मेरे राज्य में आ रहे हैं… उनमें मुझे सूचित करने का शिष्टाचार नहीं था…”
अधीर रंजन के गृहक्षेत्र पर ममता की नजर
ममता बनर्जी ने बीरभूम और मुर्शिदाबाद जिले में पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने दम पर लोकसभा चुनाव की योजना बनाना शुरू कर दें. दरअसल ये क्षेत्र कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का गृह निर्वाचन क्षेत्र है, इसीलिए यह काफी अहम है. अधीर रंजन कांग्रेस और टीएमसी गठबंधन के सख्त खिलाफ हैं.