देश

यूसुफ पठान बनाम अधीर रंजन चौधरी? तृणमूल के ऐलान से इंडिया गठबंधन में गहरी हुई दरार

तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से युसुफ पठान को उम्मीदवार बनाया है.

तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस के गढ़ बहरामपुर से टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है. इस सीट का प्रतिनिधित्व लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी करते हैं. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक बंगाल के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन चौधरी इस सीट से फिर से चुनाव लड़ने की मांग कर सकते हैं. उन्होंने बहरामपुर का पांच बार संसद में प्रतिनिधित्व किया है.

यह भी पढ़ें

बंगाल में आज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सभी 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कद दी. इससे यह साफ हो गया कि बंगाल में टीएमसी का गैर-बीजेपी दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस और तृणमूल कम से कम कहने के लिए तो एक साथ हैं, लेकिन इन दोनों दलों ने बंगाल में सीट-बंटवारे की रणनीति पर अमल करने के लिए समझौता नहीं किया है. माना जाता है कि तृणमूल ने कांग्रेस को बहरामपुर और एक अन्य सीट की पेशकश तो की थी, लेकिन फिर उसने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया. कहा जाता है कि सबसे पुरानी पार्टी ने उस पर अधिक सीटें देने के लिए दबाव डाला था.

टीएमसी के ऐलान पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने कहा कि उसने बार-बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल के साथ सम्मानजनक सीट-बंटवारा समझौता करने की इच्छा जताई थी.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से. कांग्रेस हमेशा चाहती है कि इंडिया ग्रुप मिलकर बीजेपी से लड़े.”

यह भी पढ़ें :-  राहुल गांधी BJP के लिए ‘सबसे बड़े स्टार प्रचारक’ हैं : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का तंज

अधीर रंजन चौधरी के गढ़ से युसुफ पठान जैसे लोकप्रिय शख्स को चुनाव मैदान में उतारना पार्टी पर चौधरी की ओर से बार-बार किए गए हमलों पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है.

तृणमूल कांग्रेस के कट्टर आलोचक अधीर रंजन चौधरी ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी “टीएमसी से सीटों की भीख नहीं मांगेगी.” उन्होंने इंडिया गठबंधन में साझेदार टीएमसी पर विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के बजाय “पीएम नरेंद्र मोदी की सेवा” करने का आरोप भी लगाया था. इस तरह की टिप्पणियों से नाराज होकर टीएमसी ने कहा था कि “गठबंधन सहयोगियों को बुरा-भला कहना और सीटों का बंटवारा साथ-साथ नहीं चल सकता.”

Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button