देश

1984 सिख विरोधी दंगा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 6 अदालती आदेशों को चुनौती देने के निर्देश दिए

56 हत्या मामलों में से केवल 5 मामलों में चार्जशीट दायर की गई


नई दिल्ली:

1984 के सिख विरोधी हिंसा का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से बरी किए गए 6 अदालती आदेशों को चुनौती देने के निर्देश दिए. अदालत ने सिख विरोधी हिंसा के दौरान हत्या के 51 मामलों में फिर से सुनवाई की मांग करने वाली याचिकाओं पर केंद्र से जवाब भी मांगा. सिख विरोधी दंगों में 56 हत्या मामलों में से केवल 5 मामलों में चार्जशीट दायर की गई और बाकी को बरी कर दिया गया.

पीठ ने दिया क्या निर्देश

याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में नए सिरे से सुनवाई की मांग की है. पीठ ने निर्देश दिया कि दिल्ली सरकार 6 मामलों में हाईकोर्ट के बरी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करे.  इसे सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले के साथ जोड़ने के लिए सीजेआई की पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए,  दिल्ली सरकार को 6 सप्ताह के भीतर बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाएं दायर करने का निर्देश दिया.

जस्टिस अभय एस ओक ने क्या कहा

पिछली सुनवाई में अदालत ने याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई में प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी. जस्टिस अभय एस ओक ने कहा था कि सुनवाई पूरी होनी चाहिए, साथ ही पूछा था कि क्या बरी किए जाने के खिलाफ कोई अपील दायर की गई है.  सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि 1984 के दंगा पीड़ितों को त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए वे क्या कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखते हैं.

यह भी पढ़ें :-  "राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी" : RSS ने अनुच्छेद 370 पर SC के फैसले का किया स्वागत

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से क्या पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या मामलों में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ कोई अपील दायर की गई है. सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि दो मामलों में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई और खारिज कर दी गई. अन्य छह मामलों में अभी तक कोई विशेष अनुमति याचिका दायर नहीं की गई है. SC ने इस पर टिप्पणी की थी कि “जब तक इसे गंभीरता से दायर नहीं किया जाता है, तब तक एसएलपी दायर करना हमारे हित में नहीं है.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button